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India News (इंडिया न्यूज), HP High Court: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के लगभग 50 बड़े उद्योगों को बड़ी राहत दी है। इन उद्योगों को बिजली के प्रति यूनिट पर मिलने वाली एक रुपये की सब्सिडी अब भी जारी रहेगी। राज्य सरकार ने बड़े उद्योगों के लिए यह सब्सिडी बंद करने का निर्णय लिया था, जिसके खिलाफ कई उद्योगपतियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उद्योगपतियों की याचिका में तर्क दिया गया कि राज्य विद्युत विनियामक आयोग से इस फैसले की मंजूरी नहीं ली गई थी, जो कानूनी प्रक्रिया के तहत आवश्यक है।
हाईकोर्ट ने इन उद्योगों के हित में फिलहाल सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है। अब 14 नवंबर को इस मामले पर सभी उद्योगों की एक साथ सुनवाई होगी। कोर्ट के आदेश के अनुसार, जब तक इस मामले का अंतिम निर्णय नहीं होता, उद्योगों को बिजली पर यह सब्सिडी मिलती रहेगी। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के उद्योगों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव बढ़ सकता था, इसलिए यह फैसला उद्योगों के लिए राहत भरा है।
इसके अतिरिक्त, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने खनन रॉयल्टी पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने के राज्य के अधिकार को भी बरकरार रखा है। यह फैसला हिमाचल प्रदेश के खनिज रियायत धारकों द्वारा रॉयल्टी भुगतान पर जीएसटी लगाए जाने को चुनौती देने वाली याचिका के खिलाफ आया है। मामले में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की पीठ ने निर्णय सुनाते हुए कहा कि खनिजों को निकालने के लिए रॉयल्टी का भुगतान जीएसटी के अधीन रहेगा।
उच्चतम न्यायालय के एक हालिया फैसले में यह कहा गया था कि रॉयल्टी का भुगतान कर नहीं है, बल्कि यह एक संविदात्मक विचार है, जो पट्टेदार द्वारा पट्टाकर्ता को खनिज निष्कर्षण के अधिकारों के बदले दिया जाता है। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने इसी आधार पर राज्य सरकार के निर्णय को सही ठहराया। इसके अनुसार, खनिजों को निकालने का अधिकार देने के बदले में दी गई रॉयल्टी पर जीएसटी लागू होगा।
हाईकोर्ट ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम से भी घाटे में चल रही संपत्तियों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। यह आदेश सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सेवा लाभों के मामले में सुनवाई के दौरान दिया गया। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने निगम को सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके वित्तीय लाभ जैसे ग्रेच्युटी, लीव एनकैशमेंट और अन्य भुगतान न किए जाने पर कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि निगम को इन कर्मचारियों के लाभों का जल्द से जल्द भुगतान करना होगा। इन फैसलों से हिमाचल प्रदेश के उद्योग, खनन, और पर्यटन क्षेत्रों में सकारात्मक संदेश गया है।
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