India News HP (इंडिया न्यूज़), Hp high court: हिमाचल प्रदेश में घटिया दवाओं के मामले में हाईकोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। अदालत ने राज्य के ड्रग कंट्रोलर से रिपोर्ट तलब की है कि सैंपल फेल होने के बावजूद दवाइयाँ बाजार में कैसे बिक रही हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान सरकार को फटकार लगाई।
कोर्ट ने डिप्टी कंट्रोलर से पूछा कि दवाओं की जांच कितनी बार होती है। डिप्टी कंट्रोलर ने जानकारी दी कि साल में एक बार केंद्र के साथ संयुक्त जांच होती है। हालांकि, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि नियमानुसार हर माह दवाओं के नमूनों की जांच होनी चाहिए, जो नहीं हो रही है।
कोर्ट में बताया गया कि कई नामी कंपनियों जैसे मिस्वाक टूथपेस्ट के उत्पादों के नमूने भी फेल पाए गए हैं। एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने कहा कि घटिया दवा बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश में 10 निजी और 2 सरकारी लैब हैं, जिनमें से सात घटिया दवा के लिए दोषी पाई गई हैं।
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डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने आश्वासन दिया कि नियमों को सख्त करने और दवा निर्माताओं के खिलाफ सजा के प्रावधान बढ़ाने के लिए केंद्र से मामला उठाया जाएगा। अदालत की इस सख्ती से उम्मीद की जा रही है कि दवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
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