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India News (इंडिया न्यूज),Himachal News: हिमाचल प्रदेश देवी-देवताओं की भूमि है। यहां जब भी कोई विपत्ति आती है तो देवी-देवताओं की शरण ही एकमात्र उपाय माना जाता है। पिछले तीन महीनों से बारिश की एक बूंद भी न होने से धर्मशाला में मौसम बेहद शुष्क हो गया है। जिसके कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं।अगर बात करें कृषि और बागवानी की तो उन्हें भी लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही बारिश न होने से कारोबारी भी अपना काम नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में देवी-देवताओं की इस नगरी में पूजे जाने वाले एकमात्र देवता इंद्रू नाग हैं।
हिमाचल प्रदेश में बारिश और बर्फबारी के लिए पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया है। मौसम की बेरुखी के कारण पिछले तीन महीनों से बारिश और बर्फबारी नहीं हुई है। बारिश और बर्फबारी लाने के लिए सोमवार को पर्यटन कारोबारियों ने खनियारा स्थित भगवान श्री इंद्रू नाग मंदिर में जाकर विशेष पूजा-अर्चना-हवन किया और बारिश और बर्फबारी की अपील की। अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थलों में शुमार मैक्लोडगंज-धर्मशाला समेत पूरे जिला में सूखे ने ग्रामीणों, बागवानों और किसानों की नींद उड़ा दी है। मौसम की बेरुखी से परेशान पर्यटन कारोबारी बारिश के देवता इंद्रनाग के दरबार पहुंचे। ग्रामीणों ने देवताओं से शीघ्र बारिश और बर्फबारी की प्रार्थना की।
होटल एवं रेस्तरां एसोसिएशन अप्पर धर्मशाला के अध्यक्ष अश्वनी बांबा और एसोसिएशन के चेयरमैन ओंकार सिंह ने हरिया साहिर व क्लब हाउस मैक्लोडगंज में अन्य कारोबारियों ने खनियारा स्थित भगवान श्री इंद्रनाग मंदिर में दर्शन कर विशेष पूजा-अर्चना की और बारिश की प्रार्थना की। धर्मशाला से कुछ दूरी पर खनियारा में इंद्रनाग देवता मंदिर में बारिश के देवता इंद्रनाग विराजमान हैं। यहां मान्यता है कि बारिश से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। अगर अधिक बारिश हो रही है तो यहां पूजा-अर्चना करने से रुक जाती है। वहीं अगर सूखा पड़ जाए तो इंद्रनाग प्रसन्न होकर जमकर बारिश करते हैं। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी बांबा ने कहा कि इंद्र नाग देवता में सभी की विशेष आस्था है और उनकी पूजा के फलस्वरूप ही हमेशा बारिश होती रही है और उन्हें उम्मीद है कि इस बार भी सूखे जैसे हालात खत्म होंगे और बारिश होगी।
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