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Sanjauli Masjid Update: 15 मार्च को होगी संजौली मस्जिद मामले की सुनवाई, रिकॉर्ड पेश नहीं कर सका वक्फ बोर्ड
India News HP(इंडिया न्यूज़),Sanjauli Mosque Update: शिमला नगर निगम आयुक्त की अदालत के फैसले को जिला अदालत में चुनौती देने वाली याचिका पर अब 18 नवंबर को सुनवाई होगी। जिला अदालत ने स्थानीय लोगों की उस अर्जी को खारिज कर दिया है, जिसमें मामले में पक्षकार बनने की अपील की गई थी। मामले में अगली सुनवाई अब सोमवार को होगी, जिसमें मुस्लिम पक्ष की मुख्य याचिका पर जिला अदालत सुनवाई करेगी। मुस्लिम पक्ष ने बहस के लिए जिला अदालत से समय मांगा था।
गौरतलब है कि मुस्लिम पक्ष ने नगर आयुक्त की अदालत के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें आयुक्त ने मस्जिद की तीन मंजिलों को गिराने के आदेश जारी किए हैं। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने मस्जिद की तीन मंजिलों को गिराने की लिखित पेशकश की थी, जिसके लिए वह अधिकृत नहीं थे।
शिमला के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1 की अदालत में न्यायाधीश प्रवीण गर्ग की अध्यक्षता में यह सुनवाई हो रही है। मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश हुए अधिवक्ता विश्व भूषण ने बताया कि मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी। उन्होंने बहस के लिए अदालत से समय मांगा था।
दूसरी ओर, स्थानीय लोगों की ओर से पेश हुए वकील जगत पॉल ने कहा कि उन्होंने 25 पन्नों की दलील में कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा है। जगत पॉल ने कहा है कि उनके मामले में पक्षकार बनने से ज्यादा असर नहीं पड़ता, लेकिन उन्होंने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि यह मामला शिमला नगर निगम और वक्फ बोर्ड के बीच चल रहा है।
इस मामले में शिमला नगर निगम प्राधिकरण है, जबकि वक्फ बोर्ड उल्लंघनकर्ता है। शिमला नगर निगम के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में जो भी निर्माण होता है, उसके लिए नगर निगम से अनुमति लेना जरूरी होता है। इस पूरे मामले में वक्फ बोर्ड ने निर्माण के लिए अनुमति नहीं ली।
एडवोकेट जगत पॉल ने कहा कि इस पूरे मामले में किसी तीसरे पक्ष की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कोर्ट में जो आवेदन दिया था, उसमें किसी तीसरे पक्ष की आपत्ति नहीं थी। उन्होंने जिला कोर्ट के सामने तथ्य पेश किए, नगर निगम कोर्ट में जो कुछ भी हुआ था। कोर्ट के बाहर मीडिया से बात करते हुए जगत पॉल ने कहा कि वक्फ बोर्ड झूठ बोलता है।
पहले तो खुद अनुमति देता है, लेकिन बाद में उससे मुकर जाता है। उन्होंने कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। अगर वक्फ बोर्ड खुद को कानून से ऊपर समझता है, तो वह उन्हें जेल जरूर करवाएंगे।
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