संबंधित खबरें
कांगड़ा में बारिश की बूंद की तरस! लोगों ने पूजा हवन कर किया…
डिलिवरी के बाद बच्चे की हुई मौत, अस्पातल पर लगा बड़ा आरोप
हिमाचल में कड़ाके की ठंड का कहर.. घर में दुबकने पर मजबूर, शीतलहर से हो सकता…
Bailey Bridge Closed: सावधान! यातायात के लिए भुंतर बैली ब्रिज बंद, 40.60 मीटर डबल लेन का निर्माण कार्य शुरू
Christmas Celebration: शिमला के क्रिसेंट चर्च में धूमधाम से मनाया गया क्रिसमस, बच्चों और पहाड़ी नाटियों ने प्रस्तुत की शानदार झलकियां
Himachal Snowfall: हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी से खुश हैं पर्यटक, 200 से ज्यादा सड़कें बंद, 4 की मौत
India News HP(इंडिया न्यूज़),Shimla Masjid Controversy: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में बनी मस्जिद को लेकर नगर निगम शिमला के आयुक्त की अदालत में सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान न तो वक्फ बोर्ड और न ही इसके लिए बनाई गई कमेटी यह बता पाई कि शिमला के संजौली में बनी मस्जिद की ढाई मंजिलें किसने बनाई।
मस्जिद निर्माण के लिए वक्फ बोर्ड द्वारा बनाई गई कमेटी के चेयरमैन मोहम्मद लतीफ ने कहा कि उन्होंने सिर्फ ढाई मंजिलें ही बनाई हैं। इसके अलावा ढाई मंजिलें किसने बनाई, इस बारे में वक्फ बोर्ड कोई जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद उनसे फंडिंग को लेकर सवाल किया गया। उन्होंने कहा कि इसके लिए कुछ फंडिंग बिचौलियों द्वारा की गई है। जब उनसे पूछा गया कि फंडिंग नकद आई या चेक से, तो मौजूद वकील इसका भी जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि इस बारे में वह अगली सुनवाई में जवाब देंगे।
शिमला नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने कहा कि मोहम्मद लतीफ अगली सुनवाई में लिखित में अपना पूरा जवाब पेश करें। वक्फ बोर्ड की ओर से पेश वकील ने कहा कि वह इसका जवाब तभी देंगे जब उन्हें जेई की ओर से स्टेटस रिपोर्ट दी जाएगी। आयुक्त ने जूनियर इंजीनियर से कहा कि वह इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट वक्फ बोर्ड को दें ताकि वह जल्द से जल्द इसका जवाब दे सके। इस मामले में अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी।
वक्फ बोर्ड के वकील ने कहा है कि संजौली में जिस जमीन पर मस्जिद का निर्माण हुआ है, उसके मालिकाना हक को लेकर कोई विवाद नहीं है। वो जमीन वक्फ बोर्ड की है। विवाद सिर्फ निर्माण को लेकर है। वक्फ बोर्ड के वकील बीएस ठाकुर ने कहा, “शिमला नगर निगम ने अनधिकृत निर्माण को लेकर हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड को नोटिस जारी किया था। हमने कोर्ट में जवाब और दस्तावेज जमा कर दिए हैं। निर्माण से जुड़ा मामला लंबित है।”
बीएस ठाकुर ने कहा, “आज कोर्ट ने मालिकाना हक के बारे में पूछा और हमने दस्तावेजी सबूतों के जरिए कोर्ट को बताया कि 1947 में जब पूरे भारत में वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण किया गया था, तब मस्जिद वक्फ बोर्ड की संपत्ति थी। संबंधित अधिकारी संपत्ति की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेंगे। हम 5 अक्टूबर को अगली सुनवाई पर जवाब दाखिल करेंगे। अवैध निर्माण से जुड़ा मामला कोर्ट में लंबित है। कोर्ट इस पर फैसला लेगा।”
संजौली मस्जिद विवाद की शुरुआत मारपीट से हुई थी। दरअसल, मलयाणा इलाके में कुछ लोगों ने एक व्यक्ति की पिटाई कर दी थी। इस मारपीट को लेकर व्यक्ति ने केस दर्ज कराया था। मारपीट के बाद आरोप है कि आरोपी वारदात को अंजाम देने के बाद मस्जिद में छिप गए थे। जिसके बाद हिंदू संगठनों ने संजौली मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया और मस्जिद को अवैध बताकर इसे गिराने की मांग की। मामला आगे बढ़ा। मामला विधानसभा तक पहुंच गया। इसके बाद कई प्रदर्शन भी हुए।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.