होम / America On CAA: अमेरिकन आयोग ने CAA पर जताई चिंता, नागरिक कानून साफतौर पर मुस्लिमों को करता है बाहर

America On CAA: अमेरिकन आयोग ने CAA पर जताई चिंता, नागरिक कानून साफतौर पर मुस्लिमों को करता है बाहर

Raunak Kumar • LAST UPDATED : March 27, 2024, 5:53 am IST

India News (इंडिया न्यूज़), America On CAA: भारत सरकार ने लोकसभा चुनाव 2024 से नागरिक संशोधन अधिनियम लागू करने को लेकर अधिसूचना जारी कर दिया। जिसके बाद से ही इसको लेकर देश के अंदर के अलावा विदेशों में भी इस कदम का आलोचना हो रहा है। इस बीच अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अमेरिकी आयोग ने सीएए को लागू करने के लिए भारत सरकार की ओर से जारी अधिसूचना पर चिंता व्यक्त की। आयोग ने कहा है कि किसी को भी धर्म या विश्वास के आधार पर नागरिकता से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। बता दें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 के कार्यान्वयन के नियमों को इस महीने की शुरुआत में अधिसूचित किया गया था। जिससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से दस्तावेज के बिना भारत आए गैर-मुस्लिम नागरिकों को नागरिकता देने का मार्ग खुल सके।

अमेरिकी आयोग ने व्यक्त की चिंता

बता दें कि, यूएससीआईआरएफ के आयुक्त स्टीफन श्नेक ने सोमवार (25 मार्च) को एक बयान में कहा कि सीएए समस्याग्रस्त पड़ोसी देशों से भागकर भारत में शरण लेने आए लोगों के लिए धार्मिक अनिवार्यता का प्रावधान स्थापित करता है। उन्होंने कहा कि सीएए हिंदुओं, पारसियों, सिखों, बौद्धों, जैनियों और ईसाइयों के लिए त्वरित नागरिकता का मार्ग प्रशस्त करता है। परंतु इस कानून के दायरे से मुसलमानों को स्पष्ट रूप से बाहर रखा गया है। वहीं आलोचकों के द्वारा इस अधिनियम से मुसलमानों को बाहर रखने को लेकर सरकार पर सवाल उठाया है। श्नेक ने अपने बयान में आगे कहा कि अगर वास्तव में इस कानून का उद्देश्य उत्पीड़न झेलने वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करना होता, तो इसमें बर्मा (म्यांमार) के रोहिंग्या मुसलमान, पाकिस्तान के अहमदिया मुसलमान या अफगानिस्तान के हजारा शिया समेत अन्य समुदाय भी शामिल होते।

Top Insurance Brand: LIC बना दुनिया का सबसे मजबूत इंश्योरेंस ब्रांड, कई बड़े दिग्गज इंश्योरेंस ब्रांड को दी पटखनी

भारत ने दिया अमेरिका को मुंहतोड़ जवाब

बता दें कि, भारतीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि इन देशों के मुसलमान भी मौजूदा कानूनों के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस बीच, भारत और भारतीय समुदाय से संबंधित नीतियों का अध्ययन कर उनके बारे में जागरूकता फैलाने वाले ‘फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज’ ने कहा कि सीएए के तथ्यात्मक विश्लेषण के मुताबिक इस प्रावधान का उद्देश्य भारत के तीन पड़ोसी इस्लामिक देशों के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करना है। आयोग ने आगे कहा कि गलतफहमियों के विपरीत, इसमें भारत में मुसलमानों को नागरिकता से वंचित करने या उनकी नागरिकता रद्द करने या उन्हें निर्वासित करने का प्रावधान नहीं है। इसलिए इसे उत्पीड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए शीघ्र नागरिकता अधिनियम कहना उचित होगा।

IPL 2024: आईपीएल में कुत्ते के साथ बदसलूकी पर मचा बवाल, एनिमल एक्टिविस्ट ने की जुर्माना लगाने की मांग!

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.