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Chinese Weapons: चीनी हथियारों से बांग्लादेशी सेना नाखुश, घटिया और दोषपूर्ण पुर्जों की शिकायत -IndiaNews

BY: Raunak Pandey • LAST UPDATED : June 14, 2024, 11:10 pm IST
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Chinese Weapons: चीनी हथियारों से बांग्लादेशी सेना नाखुश, घटिया और दोषपूर्ण पुर्जों की शिकायत -IndiaNews

Chinese Weapons

India News (इंडिया न्यूज), Chinese Weapons: बांग्लादेश लंबे समय से चीनी सैन्य उपकरणों का खरीदार है। वहां की सेना ने आयातित सैन्य हार्डवेयर में दोषपूर्ण घटकों की आपूर्ति और तकनीकी समस्याओं के बारे में बीजिंग के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है। चीनी सैन्य हार्डवेयर के साथ समस्याओं का सामना करने वाला बांग्लादेश अकेला नहीं है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार म्यांमार जैसे अन्य देशों को भी चीनी लड़ाकू विमानों के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ा है। चीनी रक्षा उद्योग के विशेषज्ञों का तर्क है कि बीजिंग के पास अत्यधिक परिष्कृत सैन्य हार्डवेयर का उत्पादन करने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता का अभाव है और इसे अभी तक आधुनिक रक्षा उपकरणों का शीर्ष श्रेणी का निर्माता नहीं माना जाता है।

चीनी सैन्य उपकरणों से बांग्लादेश नाखुश

बांग्लादेशी सेना का आरोप है कि चीन द्वारा बेचे जाने वाले अधिकांश हथियार पुरानी तकनीक पर आधारित हैं, जिसे उसने पश्चिम से कॉपी किया है। पश्चिम से समान प्रणालियों की तुलना में कम लागत के कारण विकासशील देश अक्सर चीनी हथियार खरीदते हैं। चीन एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ चाइना (AVIC), NORINCO और CVIC जैसे सरकारी निर्यात संगठनों के माध्यम से हथियार बेचता है। इस मामले से परिचित सूत्रों ने बताया कि बांग्लादेश की सेना ने हाल ही में चीनी कंपनियों पर अपने कोरवेट, पेट्रोल क्राफ्ट और ऑनशोर पेट्रोल वाहनों के लिए दोषपूर्ण स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध कराने का आरोप लगाया है। इन जहाजों में विनिर्माण दोष और तकनीकी समस्याएं पाई गईं।

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बांग्लादेशी सेना ने की शिकायत

बता दें कि, बांग्लादेश नौसेना को भी दो चीनी निर्मित फ्रिगेट (BNS उमर फारूक और BNS अबू उबैदा) के साथ चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। जो बांग्लादेश के मोंगला बंदरगाह पर पहुंचने के तुरंत बाद कई दोषों का सामना कर रहे थे। चीनी कंपनियों ने इन नौकाओं की मरम्मत के लिए अतिरिक्त भुगतान की मांग की। दरअसल, एक दशक पहले, चीन ने बांग्लादेश को दो नवीनीकृत मिंग-क्लास पनडुब्बियाँ बेचीं। जिनमें से प्रत्येक की कीमत 100 मिलियन डॉलर से कुछ ज़्यादा थी, लेकिन बाद में ढाका को पता चला कि ये पनडुब्बियाँ पुरानी हो चुकी थीं। वहीं अब बांग्लादेश ने चीन से 45 मल्टी लॉन्च रॉकेट सिस्टम (MLRS) इकाइयाँ भी खरीदी थीं। लेकिन अब वह उनमें से 36 को तुर्की निर्मित MLRS से बदलने की योजना बना रहा है।

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