कई बार ब्लू लाइट और इंफ्रारेड रेज जो किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से निकलती हैं जो कि स्किन के लिए हानिकारक होती हैं और ये हाइपर पिगमेंटेशन और पैची स्किन का कारण बनती हैं। इसके लिए आप रोज़ाना सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें। भले ही आप घर के अंदर हों, लेकिन आपको सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना ही है। घर के अंदर भी कई बार हमारी स्किन सूरज की किरणों के कारण डैमेज हो सकती है। सनस्क्रीन हर मौसम में लगानी चाहिए और रोज़ाना लगानी चाहिए।
आपको ऐसे स्किन इंग्रीडिएंट्स को चुनना चाहिए जो डर्मेटोलॉजिस्ट ने बताया हो अपने स्किन केयर रूटीन में कोजिक एसिड, विटामिन-सी, लिकोरिस (मुलेठी) आरब्यूटिन जैसे इंग्रीडिएंट्स को चुनें, लेकिन इन्हें इस्तेमाल करने से पहले डर्मेटोलॉजिस्ट से बात जरूर कर लें। हो सकता है कि इनमें से कोई इंग्रीडिएंट आपकी स्किन को सूट ना करता हो। ऐसे में डर्मेटोलॉजिस्ट द्वारा बताया गया ट्रीटमेंट काफी मददगार साबित हो सकता है।
यदि आपकी स्किन में काफी पहले से पैच पड़े हुए हैं या फिर स्किन की टोन अनईवन है तो आपको एंटीऑक्सीडेंट सप्लीमेंट्स इस्तेमाल करने चाहिए ये फ्री रेडिकल्स से स्किन को फ्री करते हैं और अनईवन स्किन टोन को खत्म करते हैं। इस तरह का कोई भी स्किन सप्लीमेंट लेने से पहले आपको डर्मेटोलॉजिस्ट से बात कर लेनी चाहिए। कई लोग बिना सोचे समझे फिश ऑयल, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स वगैरह भरपूर मात्रा में ले लेते हैं जो उनके लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं।
ग्लाइकोलिक एसिड, टीसीए, रेटिनॉल और अन्य केमिकल पील्स भी स्किन पिगमेंटेशन और अनईवन स्किन टोन को ठीक करने में मदद कर सकते हैं, आजकल केमिकल पील्स वैसे भी काफी ज्यादा इस्तेमाल हो रही है। केमिकल पील्स 2-3 हफ्ते के अंतराल से करनी चाहिए और अगर आप चाहें तो किसी एक्सपर्ट से इसका सेशन भी करवा सकती हैं। ये हाइपरपिगमेंटेशन को कम करने के लिए सबसे अच्छा तरीका साबित हो सकता है।
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