जो माँ बच्चे को ब्रेस्ट फीड कराती हैं वो अपने बच्चे का इम्यून तो स्ट्रॉन्ग करती ही है साथ ही खुद को भी कई बड़ी बीमारियों से बचाती है यहा तक की ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान मदर हैप्पी हॉर्मोन भी रिलीज करती है जिससे उसे मानसिक तौर पर अच्छा लगता है। आइए जानते है ब्रेस्ट फीडिंग के अन्य फायदे।
ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान प्रोलैक्टिन हॉर्मोन निकलता है जो हैप्पी हॉर्मोन की केटेगरी में आता है प्रोलैक्टिन हॉर्मोन से रिलेक्स फील होता है, ब्रेस्ट फीडिंग में ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन भी निकलता है जिससे बच्चे और मदर के बीच में सेंस ऑफ लव बढ़ता है।
कई रिसर्च में ये साबित हो चुका है कि जब महिला बच्चों को ब्रेस्ट फीड कराती हैं उनको ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना कम हो जाती है।
बच्चा होने के बाद एक महिला को सबसे ज्यादा चिंता रहती है वजन कम करने की प्रेगनेंसी के दौरान बढ़ा हुआ 10-15 किलो वजन कम करना है तो उसका पहला चरण ब्रेस्ट फीडिंग होता है। फीड कराने से कैलोरी बर्न हो जाती है और वजन कम हो जाता है।
बच्चा होने के बाद कई महिलाओं को पोस्ट पार्टम डिप्रेशन होता है और रिसर्च बताती है कि अगर माँ बच्चे को फीड कराती है तो डिप्रेशन में कमी आती है और खुश रहती है।
पोस्ट पार्टम ब्लीडिंग में भी ब्रेस्ट फीडिंग से आराम मिलता है बच्चा होने के बाद जो कई महीने तक ब्लीडिंग (PERIODS) होती है वो शिशु को दूध पिलाने से कम हो जाती है और अगर फुल टाइम बच्चे को ब्रेस्ट फीड पर रखा जाए तो पीरियड भी उस दौरान कम होते हैं।
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