संबंधित खबरें
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
महाराष्ट्र फतह के बाद फिर से चुनावी तैयारी में जुटे Fadnavis, शरद पवार ने सीधे CM को कर दिया कॉल, राज्य की राजनीति में अभी नहीं थमा है तूफान
GST Council Meeting Highlights: कौड़ियों के दाम में मिलेंगी ये चीजें, निर्मला सीतारमण के इस फैसले से खुशी से उछल पड़े सभी वर्ग के लोग
हिमंत सरकार ने की बड़ी कार्रवाई, असम में 24 घण्टें में 416 लोगों को किया गया गिरफ्तार, बाकी राज्यों के लिए बना रोल मॉडल
कांग्रेस के बुरे दिन बरकरार! हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद इस राज्य से आई बुरी खबर, सहयोगी ने ही दे दिया बड़ा घाव
विपक्ष के लगातार अमित शाह पर किए जा रहे हमलों का बीजेपी ने निकाला तोड़, पार्टी जल्द शुरू करेगी ये काम, कांग्रेस और सपा की उड़ने वाली है नींद
पौराणिक कथा के मुताबिक एक राज्य में एकादशी के दिन प्रजा से लेकर पशु तक अन्न ग्रहण नहीं करते थे, न ही कोई अन्न बेचता था। एक बार की बात है भगवान विष्णु ने राजा की परीक्षा लेने के लिए सुंदरी का धर लिया और सड़क किनारे बैठ गए। राजा वहां से गुजरे तो सुंदरी से उसके यहां बैठने का कारण पूछा स्त्री ने बताया कि उसका इस दुनिया में कोई नहीं वह बेसहारा है राजा उसके रूप पर मोहित हो गए और बोले कि तुम मेरी रानी बनकर मेरे साथ मेरे महल चलो।
सुंदरी ने राजा की बात स्वीकार ली लेकिन एक शर्त रखी कि राजा को पूरे राज्य का अधिकार उसे सौंपना होगा और जो वह बोलेगी, खाने में जो बनाएगी उसे मानना होगा राजा ने शर्त मान ली अगले दिन एकादशी पर सुंदरी ने बाजारों में बाकी दिनों की तरह अन्न बेचने का आदेश दिया मांसाहार भोजन बनाकर राजा को खाने पर मजबूर करने लगी राजा ने कहा कि आज एकादशी के व्रत में मैं तो सिर्फ फलाहार ग्रहण करता हूं रानी ने शर्त याद दिलाते हुए राजा को कहा कि अगर आपने यह तामसिक भोजन नहीं खाया तो मैं बड़े राजकुमार का सिर काट दूंगी।
राजा ने अपनी स्थिति बड़ी रानी को बताई बड़ी महारानी ने राजा से धर्म का पालन करने की बात कही और अपने बेटे का सिर काट देने को मंजूर हो गई राजकुमार ने भी पिता को धर्म न छोड़ने को कहा और खुशी-खुशी अपने सिर की बलि देने के लिए राजी हो गए राजा हताश थे और सुंदरी की बात न मानने पर राजकुमार का सिर देने को तैयार हो गए तभी सुंदरी के रूप से भगवान विष्णु ने उन्हें दर्शन दिए और कहा कि ये तुम्हारी परीक्षा थी और तुम इसमे पास हो गए श्रीहरि ने राजा से वर मांगने को कहा राजा ने इस जीवन के लिए प्रभू का धन्यवाद किया कहा कि अब मेरा उद्धार कीजिए राजा की प्रार्थना श्रीहरि ने स्वीकार की और वह मृत्यु के बाद बैंकुठ (भगवान विष्णु जिस लोक में निवास करते हैं) की प्राप्ति हुई।
ये भी पढ़े- Dev Uthani Ekadashi 2022: देवउठनी एकादशी के व्रत से होता है मोक्ष की प्राप्ति, जाने एकादशी का सही मुहूर्त
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.