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India News (इंडिया न्यूज), China Invasion Drill: ताइवान में घुसपैठ के लिए चीन ने सिविलियन फेरी यानी सार्वजनिक इस्तेमाल वाली नावों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इनके जरिए चीनी सेना के बख्तरबंद वाहनों का परिवहन किया जा रहा है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी के पास उभयचर लैंडिंग क्राफ्ट का अभाव है। इस कमी को पूरा करने के लिए नागरिक नौकाओं और नावों पर कब्ज़ा किया जा रहा है। इन नावों के जरिए सैकड़ों बख्तरबंद गाड़ियों को लाने-ले जाने का काम किया जा रहा है। स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में दक्षिण चीन सागर में होने वाली गतिविधियों के विशेषज्ञ रे पॉवेल ने कहा कि उभयचर लैंडिंग शिल्पों को नुकसान होने का सबसे अधिक खतरा होता है। जब वे युद्ध के बीच में काम करते हैं, उनकी पैंतरेबाज़ी भी मुश्किल है।
रे पॉवेल ने कहा कि नागरिक नावें और नावें लेना एक बुरा निर्णय है। इनके जरिए सैनिकों, हथियारों और बख्तरबंद गाड़ियों को ताइवान की खाड़ी में लाना खतरे को दावत देने जैसा है। ताइवान जब चाहे इन्हें आसानी से निशाना बना सकता है। चीनी सेना इस समय ताइवान के आसपास घुसपैठ का अभ्यास कर रही है। वहीं दो साल के भीतर तीसरी बार चीन ने ताइवान को घेर लिया है और सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। दुनियाभर के रक्षा विशेषज्ञों और अमेरिकी खुफिया विभाग का मानना है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना को साल 2027 तक ताइवान पर कब्जा करने का आदेश दिया है।
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बता दें कि, ताइवान के साथ तनाव के बीच चीन ने एक नया वीडियो जारी किया है। जिसमें चीन ताइवान की दिशा में अपने तोपखाने तैनात कर रहा है। इसके अलावा चीनी वायुसेना के बमवर्षकों को उड़ते हुए दिखाया जा रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि इन बमवर्षकों और तोपखानों में जीवित हथियार लगाए गए हैं, यानी जरूरत पड़ने पर सीधा हमला किया जा सकता है। वहीं चीनी सेना के सैन्य अभ्यास के बीच अमेरिका की हाउस ऑफ फॉरेन अफेयर्स कमेटी के चेयरमैन माइकल मैक्कल ताइवान पहुंच गए हैं। उनके दौरे पर चीन ने अमेरिका और ताइवान दोनों को धमकी भी दी। चीन ने कहा कि यह उकसाने वाली यात्रा है। इस बीच जापानी सरकार ने कहा है कि वह ताइवान के साथ मजबूती से खड़ी है। ताइवान की खाड़ी में चीन का चल रहा युद्ध अभ्यास हमारे सभी देशों के सम्मान के खिलाफ है।
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