इंडिया न्यूज (Pakistan Economic Crisis) :
पाकिस्तान के बदहाल आर्थिक हालातों देखते हुए हाल ही में पाकिस्तान के सीनियर मिनिस्टर अहसन इकबाल ने अपने देशवासियों से अपील करते हुए कहा है कि ”हम चाय की एक-एक प्याली, दो-दो प्यालियां कम कर दें। क्योंकि हम जो चाय आयात (इम्पोर्ट) करते हैं, वो भी उधार लेकर आयात करते हैं”। अब सवाल ये उठता है कि आखिर पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली का चाय के साथ क्या जुड़ावा है। क्यों पाकिस्तानी मंत्री चाय की कम करने की अपील कर रहे हैं।
पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई ने चाय की चुस्की को महंगा कर दिया है। वहां जून में 1 किलोग्राम चायपत्ती की कीमत 850 रुपए तक पहुंच गई है, जो 4 महीने पहले तक 700-750 रुपए थी।
अगर पाकिस्तान में चाय आयात के एक दिन के खर्च को देखें तो ये करीब 26 करोड़ रुपए बैठता है। इसका मतलब है कि अगर पाकिस्तान में लोग एक दिन चाय न पिएं तो करीब 26 करोड़ रुपए बच जाएंगे। पाकिस्तान में अभी चाय की दुकानों पर एक कप चाय की कीमत 45 रुपए है। कुछ महीने पहले तक ये कीमत 30 रुपए प्रति कप थी।
ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान में चाय का उत्पादन होता ही नहीं है, लेकिन वहां चाय की खेती महज 50 हेक्टेयर में की जाती है और चाय की सालाना पैदावार 10 टन ही है। जबकि वहां चाय की खपत सालाना करीब 2 लाख टन है। पाकिस्तान ने जुलाई 2020 से अप्रैल 2021 के दौरान 2.21 लाख टन चाय इम्पोर्ट की थी। इसीलिए पाकिस्तान अपनी जरूरत की अधिकतर चाय इम्पोर्ट करता है। यूएन मुताबिक अभी पाकिस्तानी हर साल करीब 1.80 लाख टन ब्लैक टी पीते हैं। ये आंकड़ा 2027 तक बढ़कर 2.50 लाख टन हो जाने का अनुमान है।
पाकिस्तान में चाय कई रूपों में पी जाती है। वहां ब्लैक टी सबसे ज्यादा पी जाती है। साथ ही ग्रीन टी, हॉट टी, कोल्ड टी, मीठी चाय, नमकीन और मसालेदार चाय भी पी जाती है। वहां उबले हुए मीठे दूध में चाय की पत्तियों को मिलाकर बनाई जाने वाली चाय सबसे ज्यादा पसंद की जाती है। कीनिया के अलावा पाकिस्तान चीन, तंजानिया, युगांडा और बुरुंडी जैसे पूर्वी अफ्रीकी देशों से भी चाय इम्पोर्ट करता है।
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