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कितने कमांडो मुकेश अंबानी की करते हैं सुरक्षा, जानिए दिग्गज बिजनेसमैन की सिक्योरिटी से संबंधित सभी बातें

Bharat Mehndiratta • LAST UPDATED : June 30, 2022, 5:14 pm IST
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कितने कमांडो मुकेश अंबानी की करते हैं सुरक्षा, जानिए दिग्गज बिजनेसमैन की सिक्योरिटी से संबंधित सभी बातें

Mukesh Ambani Security

इंडिया न्यूज, Mumbai News (Mukesh Ambani Security): बीते कल सुप्रीम कोर्ट ने देश के जाने माने बिजनेसमैन मुकेश अंबानी (रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख) और उनके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराने को चुनौती देने वाली एक याचिका पर त्रिपुरा हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी।
बता दें विकास साहा नाम के एक व्यक्ति ने अंबानी और उनके परिवार को दी गई जेड प्लस सिक्योरिटी के खिलाफ त्रिपुरा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय को खतरे की आशंका से जुड़ी जानकारी साझा की थी। अब सवाल ये उठता है कि आखिर देश के सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी किस स्तर के सुरक्षा घेरे में रहते हैं। तो आइए जानते हैं मुकेश अंबानी की सिक्योरिटी की पूरी कहानी क्या है।

58 कमांडो मुकेश अंबानी की करते हैं सुरक्षा

सूत्रों मुताबिक सीआरपीएफ के करीब 58 कमांडो मुकेश अंबानी और उनके परिवार की सुरक्षा में 24 घंटे तैनात रहते हैं। ऑटोमैटिक हथियारों से लैस ये हथियारबंद जवान अंबानी परिवार जहां भी जाता है, उनके साथ चलते हैं। ये जवान हेकलर एंड कोच एमपी 5 सब-मशीन गन समेत कई आधुनिक हथियारों से लैस रहते हैं। हेकलर एंड कोच एमपी5 सब-मशीन गन जर्मनी में बनी गन है। इससे एक मिनट में 800 राउंड गोलियां दागी जा सकती हैं।

जेड+ सिक्योरिटी का खर्च कौन उठता है?

मुकेश अंबानी और उनके परिवार को मिली जेड+ सिक्योरिटी पर हर महीने 15-20 लाख रुपए का खर्च आता है। ये सारा खर्च अंबानी खुद उठाते हैं। मुकेश अंबानी ऐसे पहले व्यक्ति बने थे, जो अपनी जेड+ सिक्योरिटी का खर्च खुद उठाते हैं। अधिकतर मामलों में जेड प्लस सिक्योरिटी का खर्च सरकार उठाती है। इस खर्च में उनकी सिक्योरिटी में तैनात सुरक्षाकर्मियों की सैलरी, उनकी तैनाती और सुरक्षा में तैनात गाड़ियों का खर्च शामिल है।
सिक्योरिटी के खर्च के अलावा अंबानी को सुरक्षाकर्मियों के लिए बैरक भी उपलब्ध कराना होता है, जिनमें उनके लिए क्वॉर्टर, किचन और टॉयलेट शामिल हैं। अंबानी और उनके परिवार को मिलने वाली जेडे+ सिक्योरिटी के अलावा उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की जामनगर स्थित रिफाइनरी की सुरक्षा का जिम्मा भी सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स यानी सीआईएसई संभालती है। रिपोर्ट्स मुताबिक, इसके लिए रिलायंस सीआईएसई को हर महीने 34 लाख रुपए का भुगतान करता है।

क्या पहले भी सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुकी है सुरक्षा याचिका?

ये पहली बार नहीं है जब मुकेश अंबानी की जेड+ सिक्योरिटी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है। इससे पहले नवंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश अंबानी और उनके परिवार को मिली + सिक्योरिटी वापस लेने की मांग वाली एक याचिका खारिज कर दी थी।

देश में सबसे पहले किसे मिली थी कैटेगरी सिक्योरिटी?

मुकेश अंबानी और उनके परिवार को 2013 में  जेड कैटिगरी की सिक्योरिटी दी गई थी। इसे बाद में जेड + कर दिया गया था। अंबानी को ये सुरक्षा खुफिया एजेंसियों द्वारा उन पर आतंकी हमले के खतरे की आशंका जताने के बाद दी गई थी। अंबानी को आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से धमकी मिलने के बाद यूपीए सरकार ने 2013 में े सिक्योरिटी देने का फैसला किया था।

क्या अंबानी की तरफ से कमांडों को सुविधाएं मिलती हैं?

Mukesh Ambani Home

अंबानी की सिक्योरिटी में शामिल हर जवान मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध कौशल में माहिर होता है। अंबानी की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ कमांडो फोर्स में हथियारबंद गार्ड्स, साथ में चलने वाले गार्ड्स, ड्राइवर, पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (पीएसओ), तलाशी लेने वाली टीम शामिल है।
ये कमांडो दो शिफ्ट में काम करते हैं और ये सीआरपीएफ के एक इंस्पेक्टर लेवल अधिकारी के सुपरविजन में काम करते हैं। इन कमांडों को रहने-खाने समेत अन्य सुविधाएं अंबानी मुहैया कराते हैं। सीआरपीएफ के जवान अंबानी के घर के आसपास संदिग्ध गतिविधियों या व्यक्तियों पर नजर बनाए रखते हैं। उनके घर के आसपास का पूरा इलाका हाई-रेजोलूशन कैमरे से कवर होता है। हथियारबंद सुरक्षाकर्मी गेट पर, बिल्डिंग के अंदर और घर के बाहर खड़ी गाड़ियों में तैनात रहते हैं।

कौन से कमांडो सुरक्षा में रहते हैं तैनात?

इजराइली कमांडो और सैनिक निहत्थे ही दुश्मन को मार गिराते हैं। इसके लिए वो दुनिया की सबसे खतरनाक मार्शल आर्ट में से एक- क्राव मगा में ट्रेंड होते हैं। इसी वजह से वीवीआईपी सुरक्षा के लिए इजरायली कमांडो सबसे बेहतरीन माने जाते हैं। सीआरीएफ के अलावा, मुकेश अंबानी के पास करीब 15-20 पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड्स भी हैं, जो बिना हथियारों के यानी निहत्थे होते हैं।
उनके पर्सनल गार्ड्स को इजराइल स्थित सिक्योरिटी-फर्म ने ट्रेनिंग दी है। अंबानी और उनके परिवार की सुरक्षा में तैनात ये प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स भी क्राव मगा में ट्रेंड हैं। ये गार्ड्स दो शिफ्ट में काम करते हैं, जिनमें भारतीय सेना और एनएसजी के जवान शामिल हैं।

क्या अंबानी के काफिले में गाड़ियां बुलेटप्रूफ हैं?

Mukesh Ambani Car

मुकेश अंबानी अपनी बुलेटप्रूफ बीएमएडब्लूय या मर्सिडीज कार से चलते हैं, जबकि उनके सिक्योरिटी गार्ड्स रेंज रोवर में चलते हैं। हाल ही में उन्होंने अपने काफिले में 2.5 करोड़ रुपए कीमत वाली मर्सिडीज एएमजी, जी 63 मॉडल शामिल की है। अंबानी फिलहाल इसी कार से चलते हैं। अंबानी के काफिले में मर्सिडीज, सीआरपीएफ और रेंज रोवर कारें शामिल हैं। उनके काफिले में 6-8 लग्जरी गाड़ियां शामिल हैं, जिनकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपए है।
अंबानी के काफिले में सीआरपीएफ और प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स की 6-8 गाड़ियां चलती हैं। इनमें से आधी गाड़ियों अंबानी की गाड़ी के आगे चलती हैं, जबकि बाकी की गाड़ियां उनकी कार के पीछे चलती हैं। इन गाड़ियों में सवार सभी सुरक्षाकर्मी एक-दूसरे से वॉकी-टॉकी के जरिए जुड़े रहते हैं।

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