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दिन बदले, टाइम बदला साथ ही कोरोना का वेरिएंट भी बदला, अब ओमिक्रॉन का केहर जारी
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Status of Corona in 2022 : 2021 खत्म होने को है, और नया साल 2022 आने वाला है। ऐसे में दुनिया भर में वैश्विक महामारी कोरोना, कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का कहर जारी है। आपको बता दें कोरोना महामारी का पहला मामला 17 नवंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में मिला था। 11 मार्च 2020 को वर्ल्ड हेल्थ आगेर्नाइजेशन ने इसे ग्लोबल पैंडेमिक घोषित किया। अब तक कोरोना से लगभग 28 करोड़ों लोग संक्रमित हो चुके हैं और लगभग 54 लाखों की मौत हो चुकी है।
कोरोना वायरस का प्रकोप कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है। इसके चलते दुनियाभर में कई अनगिनत कंपनियां बंद हो भी गई हैं। कई उद्योग तबाही की कगार पर पहुंच गए और लाखों की संख्या में लोग सड़क पर भी आ गए हैं। ऐसे में ये सवाल लाजिमी है कि 2022 में महामारी कैसी होगी? और लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर इसका क्या असर पड़ेगा।
आपको बता दें कि 2019 कोरोना का वायरस आया था तब से लेकर इसका म्यूटेशन जारी है और अब तक इसके कई वेरिएंट जारी है। डब्ल्यूएचओ की लिस्ट में इस समय पांच वेरिएंट आफ कसर्न हैं। जैसे की अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और ओमिक्रॉन। ओमिक्रॉन में 55 म्यूटेशन बताए जा रहे हैं जबकि 32 म्यूटेशन इसके स्पाइक प्रोटीन में हुए हैं। इस मामल में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के रिसर्चर का कहना है कि ओमिक्रॉन कोरोना का कोई आखिर वेरिएंट नहीं है।
वहीं डब्ल्यूएचओ की कोविड-19 की लीड डॉक्टर का कहना है कि हम सभी कोरोना महामारी के बीच में खड़े हैं। इस बात से यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि 2022 में भी लोगों को कोरोना के बनते-बिगड़ते रूप का सामना करना पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि एक साल के अंदर इजराइल अपने नागरिकों को कोरोना वैक्सीन की चौथी डोज देने की तैयारी कर रहा है। वहीं भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुजुर्गों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन की बूस्टर डोज देने का ऐलान किया है। (Status of Corona in 2022)
बूस्टर डोज की आलोचना करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि इससे गरीब देश वैक्सीनेशन से छूट जाएंगे और कोरोना महामारी लंबे समय तक रहेगी। वहीं वैक्सरन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया के सीईओ के अनुसार हमें अगले 10 साल तक हर साल एक से दो बूस्टर डोज की जरूरत पड़ेगाी।
बता दें कि आने वाले समय में बूस्टर डोज एक कड़वी सच्चाई बनकर सामने आएगी और इसे हर साल लगवाना पड़ सकता है। कई देशों ने अपने देश में सभी वयस्क नागरिकों के लिए वैक्सीन अनिवार्य कर दिया है, इसमें आॅस्ट्रिया, जर्मनी, इंडोनेशिया, माइक्रोनेशिया, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान शामिल है। कनाडा, इटली, डेनमार्क, हंगरी, फिजी, रूस, सऊदी अरब, तुर्की, यूक्रेन और अमेरिका जैसे देशों में सभी कर्मचारियों को वैक्सीन लगवाना अनिवार्य है। बुल्गारिया, आस्ट्रिया और चेक रिपब्लिक में लोगों को बिना वैक्सीन आने की मनाही है। (Status of Corona in 2022)
भारत के कई ऐसे राज्य हैं जिनमें मॉल, सिनेमा हॉल, अस्पताल और कई अन्य जगहों पर बिना वैक्सीन सार्टिफिकेट चेक किए एंट्री नहीं दी जाएगी। इन बातों से यह पता चलता है कि 2022 में वैक्सीन सार्टिफिकेट भी आपके सबसे जरूरी दस्तावेजों में से एक होगा। नया साल से स्कूल, कॉलेज,आफिस, स्टेडियम, मार्केट, मॉल, पार्क या किसी भी पार्टी के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के नियम लागू रहेंगे।
रिसर्च के मुताबिक आने वाले दिनों मेंं आफ्टर इफेक्ट वाली बीमारियां का बोलाबाल रहेगा जैसे कि बालों का झड़ना, दांतों की समस्या , पुरूषों में कमजोरी आदि। 2022 में बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन लग सकेगी। दुनिया के कई देशों में पहले से ही बच्चों को वैक्सीन लगनी शुरू हो चुकी है। (Status of Corona in 2022)
मेडिकल साइंस में भी कोरोना के लिए प्रयोग चल रहा है। अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जल्द ही नेजल वैक्सीन लांच हो जाएगी। इसे भारत बायोटेक ने डेवलप भी किया है। कोरोना की डीएनए वैक्सीन भी जल्द लगनी शुरू हो जाएगी। इसे जायडस कैंडिला ने डेवलप किया है। वहीं कोरोना के लिए बनाई गई पहली मेडिसिन मोलनुपीरावीर दवा को यूके और यूएसए ने अप्रूव किया है। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर रिसर्च का कहना है कि ओमिक्रॉन डेल्टा की तरह ज्यादा घातक भले न हो, लेकिन ये ज्यादा तेजी से फैलता है। वहीं 2022 मार्च में ओमिक्रॉन के केस तेजी से बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। (Status of Corona in 2022)
ब्रिटिश साइंटिफिक जर्नल नेचर ने दुनिया के सौ इम्युनोलॉजिस्ट,वॉयरोलॉलिस्ट और रिसर्चर पर सर्वे किया है, जिसमें 90 फीसदी का मानना है कि कोविड-19 एंडेमिक बन जाएगा। फाइजर के साइंटिस्ट ने अपना अनुमान लगाया है कि 2024 से पहले कोरोना एंडिमिक नहीं बनेगा। बताया जाता है कि कोरोना जैसी महामारी से जल्द छुटकारा नहीं मिलने वाला है।
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