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सियासी संग्राम का अखाड़ा बनी घोसी विधानसभा सीट, कैसे एक दूसरे के सामने ताल ठोकेंगे NDA-INDIA?

Akanksha Gupta • LAST UPDATED : August 13, 2023, 3:25 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Lok Sabha Election 2024, (Arvind Chaturvedi) मऊ: उत्तर प्रदेश के मऊ ज़िले की घोसी विधानसभा सीट पूर्वांचल के सियासी संग्राम का अखाड़ा बनने जा रही है। यहीं पर यह भी तय हो जाएगा कि INDIA बनाम एनडीए कैसे आने वाले लोकसभा चुनाव में एक दूसरे के सामने ताल ठोकेगा। यह सीट 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर दारा सिंह चौहान ने जीत हासिल की थी। हाल ही के दिनों में दारा सिंह चौहान का समाजवादी पार्टी से मोह भंग हो गया है। समाजवादी पार्टी और सीट दोनों से उन्होंने त्याग पत्र दे दिया है।

बीजेपी के लिए बेहद अहम है घोसी विधानसभा सीट

आपको बताते चलें कि भाजपा के लिए यह सीट बेहद अहम है। पिछले 2019 लोकसभा चुनाव का परिणाम देखें तो इस आज़मगढ़, बेल्ट की घोसी, ग़ाज़ीपुर, लालगंज और जौनपुर सीट हार गई थी। जिसके बाद में हुए उपचुनाव में बीजेपी आज़मगढ़ जीतने में कामयाब रही। वहीं घोसी के आंकड़ों की बात करें तो यहां की जनसंख्या 2675318 है। जिसमें 80 प्रतिशत आबादी आज भी गांवों में रहती है। जबकी शहरी इलाके में केवल 20 प्रतिशत आबादी ही निवास करती है। यहां पर जातिगत आंकड़ों पर नज़र डालें तो एस सी 21.38 प्रतिशत है। जो कि वोट के लिहाज़ से बेहद अहम हैं। वही एसटी केवल 1.29 प्रतिशत ही है। यहां पर मुस्लिम आबादी भी बेहद प्रभावशाली है। जो कि 15 से 20 प्रतिशत है।

ओपी राजभर का NDA में शामिल होना बीजेपी के लिए फायदा 

इंडिया न्यूज के संवाददाता अरविन्द चतुवेर्दी ने बताया, 2009 के लोकसभा चुनाव में दारा सिंह चौहान ने बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए समाजवादी पार्टी के अरशद जमाल अंसारी को 60 हजार से ज़्यादा मतों से हराया था। जबकि 2014 का चुनाव बीजेपी प्रत्याशी हरी नारायण राजभर से दारा सिंह चौहान हार गए थे। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से अतुल राय ने बीएसपी के टिकट पर जीत हासिल की थी। यहां पर ये भी बेहद महत्वपूर्ण है कि इंडिया गठबंधन के लिहाज़ से यहां पर समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस का गठबंधन बेहद ही अहम होगा। चूकी बहुजन समाज पार्टी इंडिया गठबंधन में शामिल नहीं है। तो ऐसे में ये देखना भी अहम होगा की उनकी तरफ़ से यहां उम्मीदवार उतारा जाता है कि नही। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में ओम प्रकाश राजभर ने सपा का साथ दिया था। मगर अब वो एनडीए के साथी हैं। ऐसे में बीजेपी के लिए यह फ़ायदेमंद होगा।

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