दिल्ली एनसीआर में हर जगह गणेश चतुर्थी को लेकर उत्सव मनाया जा रहा है। लेकिन यहां पर यमुना या अन्य जलाशयों में मूर्ति विसर्जन करना आपको महंगा पड़ सकता है। ऐसा करने पर 50 हजार रुपये जुर्माना या फिर छह साल तक की सजा हो सकती है।
जानकारी हो कि 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी और नौ सितंबर को विसर्जन होगा। वहीं राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा यमुना में मूर्ति विसर्जन पर रोक है।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति(डीपीसीसी) ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिए हैं। समिति ने स्थानीय निकायों से भी आवासीय क्षेत्रों के समीप कृत्रिम तालाब बनाने के लिए कहा है। साथ ही दिल्ली पुलिस और नगर निकायों के सभी जोन को निर्देश जारी करते हुए अवैध मूर्ति निर्माण और पीओपी की मूर्तियां ले जाने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है।
मामले में डीपीसीसी का कहना है कि मूर्ति विसर्जन गंभीर समस्याएं पैदा करता है। क्योंकि, मूर्ति में इस्तेमाल किए जाने वाले जहरीले रसायन पानी में रहने वाले जीव-जंतुओं को नुकसान पहुंचाते हैं। मूर्तियों पर लगाए जाने वाले रंगों में खतरनाक केमिकल पारा, जिंक ऑक्साइड, क्रोमियम, सीसा व कैडमियम जैसे रसायन होते हैं। यह जीव जंतुओं को नुकसान पहुंचाता है। साथ ही बाद में मनुष्यों के सेवन करने के बाद कैंसर व श्वसन संबंधी बीमारियों और त्वचा संक्रमण सहित अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है।
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