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राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया मामले में अपनी पहली चार्जशीट पेश की है। राजस्थान में PFI की हिंसक उग्रवाद की गतिविधियों और एजेंडे से संबंधित मामले की जांच के प्रमुख हिस्से को पूरा करने पर, राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दो आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दर्ज की है।
इसका मकसद हथियार और विस्फोटक के सहारे 2047 तक भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने के अंतिम उद्देश्य के साथ आतंक और हिंसा के कामों को अंजाम देने के लिए धन जुटाना था।
एनआइए ने कहा कि आरोपियों ने भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को यह विश्वास दिलाकर कट्टरपंथी बना दिया। कि भारत में इस्लाम खतरे में है और इसलिए 2047 तक इस्लाम की रक्षा करने और भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने के लिए पीएफआई नेताओं और समुदाय के लिए खुद को हथियारों के इस्तेमाल में प्रशिक्षित करना आवश्यक था।
यह मामला सितंबर 2022 में उस आपराधिक साजिश की जांच के लिए दर्ज किया गया था। जिसमे पीएफआई नेताओं ने कट्टरपंथ और भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को हथियारों के प्रशिक्षण के माध्यम से भारत में विभिन्न समुदायों के बीच कड़वाहट पैदा करने का उद्देश्य बनाया था।
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