पीएम नरेंद्र मोदी जल्द ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पर अंतिम फैसला लेंगे। यह योजना 30 सितंबर को खत्म हो जाएगी। ऐसे में क्या इस योजना का विस्तार किया जाएगा या फिर सरकारी वित्त और खाद्य आपूर्ति पर तनाव को कम किया जाएगा इसका फैसला जल्द ही हो जाएगा। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में मोदी सरकार अप्रैल 2020 से हर महीने लगभग 1.5 ट्रिलियन रुपये की लागत से 80 करोड़ भारतीयों को प्रति माह 5 किलोग्राम गेहूं या चावल और एक किलो चना दे रही है।
पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना में 5 किलो मुफ्त चावल या गेंहू, 1 किलो चना 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को दिया जाता है। ये राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सब्सिडी पर मिलने वाले राशन के अतिरिक्त होता है। सरकार ने इस योजना पर मार्च तक लगभग 2.60 लाख करोड़ रुपये खर्च किए थे और सितंबर 2022 तक 80,000 करोड़ रुपये और खर्च किए जाएंगे इससे PMGKAY में कुल खर्च लगभग 3.40 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने लोगों को महंगाई और कोरोना महामारी के दौरान बहुत बड़ी राहत दी थी। इस योजना का लाभ देश के 80 करोड़ लोगों को मिल रहा है। इस योजना के जरिए मिलने वाले राशन को केंद्र सरकार राशन की दुकानों के जरिए लोगों को दे रही है। खाद्य सचिव ने सुधांशु पांडेय ने कहा कि ये एक बड़ा सरकारी फैसला है जिस पर आखिरी फैसला प्रधानमंत्री मोदी का ही होगा।
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