होम / पितृसत्तात्मक मानसिकता का नतीजा, 53% महिलाएं दिन में एक बार भी नहीं रखती घर से बाहर कदम

पितृसत्तात्मक मानसिकता का नतीजा, 53% महिलाएं दिन में एक बार भी नहीं रखती घर से बाहर कदम

Priyanshi Singh • LAST UPDATED : March 9, 2023, 12:55 pm IST

We Women: पूरी दुनिया में आज महिलाओं के मूद्दों को गंभीरता से लिया जाने लगा है। अलग – अलग देशों में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए बहुत सारे नियम और कानून भी बनाए गए हैं। हालांकि इन सब के बावजूद बड़ी संख्या में महिलाओं का आज भी समाज में शोषण होता है। बता दें अवैतनिक घरेलू श्रम पर हुए एक शोध में कई ज़रूरी तथ्य सामने आए हैं। इस शोध को जर्नल साइंस डायरेक्ट में पिछले महीने फरवरी में प्रकाशित किया गया था। इसका शीर्षक ‘जेंडर गैप इन मोबिलिटी आउटसाइड होम इन अर्बन इंडिया’ है। यह सर्वे मुख्य रूप से भारत में महिलाओं के घर पर रहने, उनका अपने घरों के परिवेश के भीतर बने रहने और सामाजिक और शैक्षिक अनुभवों और रोजगार से अलग होने की स्पष्ट घटना को बता करता है।

‘टाइम यूज सर्वे‘

इस शोध को दिल्ली के आईआईटी में परिवहन अनुसंधान के अंतर्गत सहायक प्रोफेसर राहुल गोयल के द्वारा किया गया है। बता दें इन्होंने साल 2019 में नैशनल सैंपल सर्वे द्वारा किए गए ‘टाइम यूज सर्वे‘ के डेटा का इस्तेमाल किया है। जानकारी के लिए बता दें साल 2019 के ‘टाइम यूज सर्वे’ की बात करें तो इसमें शहरी और ग्रामीण भारत में रहनेवाले पुरुषों और महिलाओं द्वारा समय के उपयोग का अध्ययन किया गया था। सर्वे बताता है कि जहां महिलाएं प्रतिदिन औसतन 7 घंटे घर के सदस्यों के अवैतनिक घरेलू काम और देखभाल से जुड़ी सेवाओं पर लगाती हैं, वहीं पुरुष मुश्किल से 3 घंटे इस पर खर्च करते हैं।

53% महिलाएं दिन में एकबार भी नहीं रखती घर से बाहर कदम

इस अध्ययन के अनुासर सर्वे में शामिल 53% महिलाएं दिन में एकबार भी घर से बाहर कदम नहीं रखती हैं। वहीं, महिलाओं की तुलना में 87 फीसदी पुरुष हर दिन एक बार तो ज़रूर घर से बाहर निकलते हैं। अध्ययन में यह भी बताया गया है कि 78% से अधिक महिलाओं को किराने की दुकान तक जाने के लिए अपने घर के पुरुष सदस्य से अनुमति की ज़रूरत होती है।

भारत में गतिशीलता दर में एक बड़ी लैंगिक असमानता

भारत में गतिशीलता दर में एक बड़ी लैंगिक असमानता आमतौर पर दुनिया के अधिकांश हिस्सों में नहीं देखी जाती है। जैसे लंदन के इससे जुड़े एक शोध में कोई लैंगिक अंतर नहीं पाया। फ्रांस के शोध में औरतें आदमियों की तुलना में अधिक बहार निकलती हैं। दक्षिण एशिया, मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका जैसे देश विश्व में सबसे अधिक लैंगिक असमानता वाले समाजों में से हैं, जहां विश्व के बाकी हिस्सों की तुलना में महिलाओं की बाहर निकलकर काम करने की भागीदारी दर कम है।

पितृसत्तात्मक मानसिकता

इस शोध के परिणामों की ओट में हम इस तथ्य को नकार नहीं सकते हैं कि घरेलू काम में लगी महिलाओं का चार दीवारी की चकाचौंध बनाया जाना परिवार के सदस्यों की पितृसत्तात्मक मानसिकता का ही नतीजा है। घर के कामकाज की पितृसत्तात्मक प्रकृति इन महिलाओं के प्रतिदिन हो रहे शोषण को जारी रखने का काम करती है।

ये भी पढ़ें – अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस : जानें महिला दिवस की शुरुआत कब हुई?

Tags:

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

Lok Sabha Election 2024: ‘उद्धव ठाकरे नहीं देंगे जवाब क्योंकि वह डरे हुए हैं…’ अमित शाह ने लगाया बड़ा आरोप -India News
India-Canada Row: कनाडा की राजनीति को प्रभावित करने में भारत की भूमिका, जांच ने किया इस ओर इशारा -India News
Congo Bomb Blast: कांगो में विस्थापन शिविरों पर बम हमला, बच्चों समेत कम से कम 12 लोगों की मौत -India News
Somnath Bharti Resigns: AAP नेता सोमनाथ भारती ने दिया कई पदों से इस्तीफा, बोले- ‘मुझे खुशी है कि…’ -India News
US-Jordan Relations: जो बिडेन गाजा वार्ता के बीच जॉर्डन किंग की करेंगे मेजबानी, व्हाइट हाउस ने किया खुलासा -India News
Rohith Vemula Case: रोहित वेमुला दलित नहीं…, परिवार पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को देगा चुनौती- Indianews
Samsung Galaxy S23 FE पर मिल रहा भारी डिस्काउंट, जल्दी करें ऑर्डर, ​कहीं हाथ से न निकल जाए डील-Indianews
ADVERTISEMENT