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India News (इंडिया न्यूज), Taliban: रूस की सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती ने सोमवार (27 मई) को कहा कि अफगानिस्तान में सत्ता में लौटने के तीन साल बाद रूस तालिबान को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की सूची से हटा देगा। मॉस्को ने वर्षों से तालिबान के साथ संबंधों को बढ़ावा दिया है। कई दौर की बातचीत की है और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद अफगानिस्तान के साथ व्यापार को बढ़ावा दिया है। आरआईए नोवोस्ती ने विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के हवाले से कहा कि कजाकिस्तान ने हाल ही में उन्हें आतंकवादी संगठनों की सूची से हटाने का फैसला लिया है, जो हम भी लेने जा रहे हैं।दरअसल कजाकिस्तान ने 2023 के अंत में तालिबान को प्रतिबंधित संगठनों की सूची से हटा दिया।
बता दें कि रूस का यह कदम दोनों देशों के बीच कूटनीति को और बढ़ावा दे सकता है। लेकिन तालिबान सरकार और जिसे वह अफगानिस्तान का इस्लामी अमीरात कहता है, उसे आधिकारिक मान्यता नहीं मिल पाएगी। तालिबान ने 2021 में अमेरिका समर्थित सरकार से सत्ता छीन ली। उन्होंने इस्लामी कानून का एक चरम रूप लागू किया है, जो महिलाओं को सार्वजनिक जीवन से प्रभावी रूप से प्रतिबंधित करता है। लावरोव ने कहा कि रूस का फैसला जमीनी हकीकत को पहचानने के बारे में है। उन्होंने कहा कि वे असली ताकत हैं। हम अफगानिस्तान के प्रति उदासीन नहीं हैं और सबसे ऊपर मध्य एशिया में हमारे सहयोगी उदासीन नहीं हैं।
रूस के राज्य मीडिया ने बताया कि मॉस्को ने तालिबान प्रतिनिधियों को अपने प्रमुख सेंट पीटर्सबर्ग अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंच में भी आमंत्रित किया। इस घटना को एक समय पश्चिम के साथ रूस के आर्थिक संबंधों की आधारशिला के रूप में देखा गया था। रूस ने वर्षों से तालिबान के साथ संबंध बनाए रखे हैं। अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के प्रमुख ने 2018 में दावा किया था कि मॉस्को समूह को हथियार मुहैया करा रहा था। हालाँकि मॉस्को ने उस समय इन आरोपों से इनकार किया था।
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