अगर आप अपनी स्किन को ब्राइटन करना चाहती हैं तो ऐसे में ग्लूटाथियोन की मदद ली जा सकती है हर लड़की की इच्छा होती है कि उसकी स्किन अधिक ब्राइटनिंग नजर आए। अमूमन लोग इसके लिए कई तरह के घरेलू उपचार अपनाते हैं। हालांकि, अगर आप आपको इससे बहुत अधिक लाभ नहीं मिलता है तो ऐसे आप स्किन ब्राइटनिंग ट्रीटमेंट ले सकती हैं। चलिए बताते है आपको इस ट्रीटमेंट के बारे में-
ग्लूटाथियोन एक एंटीऑक्सीडेंट है जो तीन अमीनो एसिड से बना होता है- ग्लाइसिन, ग्लूटामिक और सिस्टीन एसिड। ग्लूटाथियोन ना केवल डैमेज्ड सेल्स को रिपेयर करेन के साथ-साथ स्किन को अधिक व्हाइटन व ब्राइटन करने में भी मदद करता है। यह स्किन को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाने के लिए एक फ्री रेडिकल स्कैवेंजर के रूप में भी काम करता है।
किसी भी स्किन के कलर के पिगमेंट के लिए मेलानिन जिम्मेदार होता है। टाइरोसिनेज नामक एक एंजाइम इस पिगमेंट के सिंथेसिस में मदद करता है। हालांकि, ग्लूटाथियोन टायरोसिनेस एंजाइम को रोकने में मदद करता है, जिससे मेलेनिन का उत्पादन स्लो होने लगता है।
जिसके कारण धीरे-धीरे स्किन का कलर लाइट होने लगता है। जब शरीर में पाए जाने वाले ग्लूटाथियोन की मात्रा कम हो जाती है तो इससे स्किन अधिक डल नजर आने लगती है। इसके अलावा, स्किन पर उम्र बढ़ने से लेकर झुर्रियां की समस्या भी शुरू हो जाती है।
इस स्थिति में ग्लूटाथियोन ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है। दरअसल, आजकल मार्केट में ग्लूटाथियोन की टैबलेट और इंजेक्शन अवेलेबल हैं, जिन्हें इस्तेमाल किया जा सकता है। यूं तो दोनों के ही सकारात्मक प्रभाव नजर आते हैं, लेकिन इंजेक्शन को अधिक प्रभावशाली माना जाता है। हालांकि, इसे कभी भी खुद से नहीं लेना चाहिए।
1.यह फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करता है।
2.यह स्किन को अधिक ब्राइटन व स्मूद बनाता है
3.यह शरीर को यूवी रेडिएशन से बचाता है
4.झुर्रियों और फाइन लाइन्स को कम करने में मदद करता है
5.ऑटो-इम्यून बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।
6.यह मेलेनिन पिग्मेंटेशन को कम करके सिकन को अधिक टोन करता है।
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