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India News (इंडिया न्यूज़), Middle East Tensions: इज़रायल पर ईरानी हमले के बाद पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में तनाव का माहौल है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन सोमवार को व्हाइट हाउस में इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी से मुलाकात करेंगे। वहीं सुदानी की वाशिंगटन यात्रा, उनके पदभार ग्रहण करने के बाद पहली यात्रा है। इस दौरान मूल रूप से जिहादी विरोधी गठबंधन के हिस्से के रूप में इराक में अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद थी। परंतु अब बैठक में इराक के पड़ोसी ईरान द्वारा शनिवार (13 अप्रैल) को इजरायल पर बड़े पैमाने पर मिसाइल और ड्रोन हमले के बाद क्षेत्र की तनावपूर्ण स्थिति पर चर्चा होगी।
बता दें कि, इराकी प्रधानमंत्री के कार्यालय से शनिवार (13 अप्रैल) को उनके प्रस्थान से पहले एक बयान में कहा था कि यह आधिकारिक यात्रा अमेरिका के साथ संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय परिस्थितियों के संदर्भ में एक नाजुक और संवेदनशील समय पर हो रही है। इससे पहले व्हाइट हाउस ने मार्च में कहा था कि बिडेन और सुदानी आईएसआईएस की स्थायी हार और सैन्य मिशन के विकास के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता पर चर्चा करेंगे। दरअसल मध्य पूर्व क्षेत्र में युद्ध के बीच इराक क्षेत्रीय तनाव से बाहर रहने की कोशिश कर रहा है। दरअसल ईरान से जुड़े सशस्त्र समूहों जिनमें कुछ इराक में स्थित हैं ने तब से अमेरिका से संबंधित सुविधाओं पर हमलों की एक श्रृंखला को अंजाम दिया है, जो इज़राइल का मुख्य सहयोगी है।
बता दें कि, इराक ने यह आशा करते हुए कि अमेरिका-ईरान शत्रुता से भस्म नहीं हो जाएगा। इस फरवरी में एक अमेरिकी ड्रोन हमले का कड़ा विरोध किया, जिसमें एक इराकी मिलिशिया नेता की मौत हो गई। जो उस हमले के प्रतिशोध में किया गया था जिसमें जॉर्डन में तीन अमेरिकी सेवा सदस्यों की मौत हो गई थी। परंतु अब वाशिंगटन और बगदाद के बीच तनाव कम हो गया है और उन्होंने अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन के भविष्य पर बातचीत फिर से शुरू कर दी है। दरअसल साल 2003 में इराक पर अमेरिका के नेतृत्व वाले आक्रमण ने तानाशाह सद्दाम हुसैन को उखाड़ फेंका था।
परंतु आईएसआईएस को हराने के अभियान के तहत साल 2014 में अमेरिकी सेना को फिर से तैनात किया गया था। जिसने इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था। इस गठबंधन के हिस्से के रूप में अमेरिका के पास वर्तमान में इराक में लगभग 2,500 सैनिक और पड़ोसी सीरिया में 900 सैनिक हैं।
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