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क्‍या है मंकी पॉक्‍स, ब्रिटेन के बाद अमेरिका के समलैंगिकों में मिले ज्‍यादा केस

India News Desk • LAST UPDATED : May 19, 2022, 1:45 pm IST
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क्‍या है मंकी पॉक्‍स, ब्रिटेन के बाद अमेरिका के समलैंगिकों में मिले ज्‍यादा केस

इंडिया न्‍यूज । मेसाचुसेट्स : मंकी पॉक्‍स वायरस (Monkeypox virus) से ब्रि‍टेन के बाद अमेरिका में रोगी बढ़ने लगे हैं। हाल ही के दिनों में स्‍पेन, पुर्तगाल, ब्रि‍टेन और कनाडा में इसके केस सामने आ चुके हैं। वहीं कनाडा से मेसाचुसेट्स वापसी कर रहे एक व्‍यक्ति में मंकी पॉक्‍स के लक्ष्‍ण मिले हैं।

मंकी पॉक्स क्या है?

1970 के दशक में मंकी पॉक्‍स के लक्ष्‍ण एक बंदर में पाए गए थे। इसके बाद यह अफ्रीकी देशों में तेजी से फैल गया। यह एक प्रकार का वायरस है। विशेषज्ञों के अनुसार यह स्‍मॉल पॉक्‍स या चेचक के वायरस से मिलता जुलता है। अमे‍रिका में मंकी पॉक्‍स का पहला मामला 2003 में आया था। वहीं नाइजीरिया में 2017 में मंकी पॉक्‍स बहुत तेजी से फैला और इससे पुरुष अधिक संक्रमित हुए। आंकड़ों की बात करें तो उस वक्‍त नाइजीरिया के 75 फीसदी पुरुष इस संक्रमण से ग्रसित हो गए थे। इसके बाद वर्ष 2018 में ब्रिटेन में इसके केस सामने आए थे।

कैसे फैलता है मंकी पॉक्‍स वायरस

विशेषज्ञों के अनुसार यह वायरस आंख, नाक और मुंह के जरिए मानव शरीर में प्रवेश करता है। इससे ग्रसित होने के बाद मरीज 21 दिनों तक संक्रमित रहता है और उसके बाद यह ठीक हो जाता है। यह वायरस बंदर, डॉग, गिलहरी जैसे जीवों के संक्रमित होने के कारण फैलता है।

मंकी पॉक्स के लक्षण क्‍या हैं

  • यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) के अनुसार मंकी पॉक्‍स चेचक यानी चिकन पॉक्‍स की ही तरह होता है। इस रोग के कारण चेहरे पर लाल दाने हो जाते हैं। इस कारण यह तेजी से शरीर के अन्‍य हिस्‍साें में भी फैलने लगता है।
  • रोगी को पहले बुखार होता है। इसमें सिर दर्द या बदन दर्द के लक्ष्‍ण भी हो सकते हैं।
  • बुखार के कारण ठंड लगना इसका प्रमुख लक्ष्‍ण है। चेहरे पर दाने उभरने लगते हैं।

एक्‍शन में आया WHO

मंकी पॉक्‍स के बढ़ते मामलों को देखते हुए विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन WHO सक्रिय हो गया है। अब तक पुर्तगाल और स्‍पेन में 40 से अधिक केस सामने आ चुके हैं। वहीं ब्रि‍‍टेन में नौ केस मिले हैं। इसमें एक नया एंगल ये सामने आया है कि समलैंगिकों के कारण यह तेजी से फैल सकता है। इस संबंधी कुछ जांच एजेंसी इस पर शोध कर रही हैं। वहीं सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन भी इसी पहलू पर जांच कर रही है कि कैसे इसे रोका जाए।

समलैंगिक पुरुषों को संक्रमण का खतरा

चौकाने वाली बात ये सामने आई है कि इस वायरस से संक्रमित वे पुरुष हैं जो समलैंगिक हैं। यूके हेल्‍थ सिक्‍योरिटी एजेंसी ने इस बात की पुष्टि की है कि गे यानी बायसेक्‍शुअल लोगों के शारीरिक संबंधों के कारण इसका प्रसार तेजी से हुआ है। इस संबंधी यूके हेल्‍थ सिक्‍योरिटी एजेंसी ने बायसेक्‍शुअल लोगों को आगाह किया है कि वे शारीरिक संबंध न बनाएं तभी इस वायरस को रोका जा सकेगा।

मंकी वायरस क्‍या यौन संबंधी बीमारी ?

यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) ने इसे यौन संबंधी बीमारी नहीं माना है। वहीं उन्‍होंने बायसेक्शुअल लोगों को आगाह किया है कि वे बचाव की ओर ध्‍यान दें। इसके साथ ही यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी ने समलैंगिक पुरुषों को एडवायजरी जारी करते हुए कहा है कि अगर उनमें मंकी वायरस के लक्ष्‍ण दिखे तो उन्‍हें तत्‍काल सेक्शुअल हेल्थ चेकअप करवाना चाहिए।

ये भी पढ़ें : क्यों बढ़ रहे हैं रसोई गैस के दाम, जानिए कैसे तय होती हैं एलपीजी की कीमतें

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