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इंडिया न्यूज (नई दिल्ली ) : राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं. इस यात्रा को 150 दिन में करीब 3800 किमी. की दूरी को तय करना था. इस यात्रा ने करीब 100 दिन से अधिक और 2800 किमी की दूरी पूरी कर ली है. विगत 24 दिसंबर को ये यात्रा दिल्ली पहुंची जहां 9 दिनो के विश्राम के बाद 3 जनवरी से भारत जोड़ो यात्रा फिर से रवाना होगी.
दक्षिण भारत से शुरु हई इस यात्रा को कन्या कुमारी से कश्मीर तक जाना है. इस यात्रा से कितनी संजीवनी कांग्रेस को मिलेगी ये देखने वाली बात होगी लेकिन इस यात्रा की आड़ कांग्रेस ने राहुल को बतौर पीएम का चेहरा चुन लिया है. ऐसे में सवाल ये है कि इस यात्रा से पीएम चेहरा कैसे तय हो गया वही क्या इस यात्रा को 2024 के चुनाव से जोड़कर देखा जाना चाहिए.
यात्रा से होगी कांग्रेस की नैया पार
जानकारों की माने तो इसे 2024 के लोक सभा चुनाव के तौर पर देखा जा सकता है. दरअसल 2019 में कांग्रेस की करारी हार के बाद राहुल ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद कई नेताओं ने कहा था कि वो इस पद पर बरकार रहे लेकिन उन्होंने अपान फैसला नही बदला. अब सवाल ये है कि क्या इस यात्रा से कांग्रेस को संजीवनी मिलेगी. जानकार कहते हैं कि हो सकता है क्यों कि हिमाचल में कांग्रेस काफी अच्छा प्रदर्शन किया था. इसी साथ विधान सभा में जीत दर्ज कर सरकार बनाई थी.
मैं खासतौर से RSS और BJP के लोगों को धन्यवाद करता हूं क्योंकि जितना वे आक्रमण करते हैं उतना हमें सुधार करने का मौका मिलता है। मैं चाहता हूं कि वे और ज़ोर से करें जिससे कांग्रेस पार्टी को अपनी विचारधारा अच्छे से समझ आए: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (1/2) pic.twitter.com/grAjhrsCNB
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 31, 2022
यात्रा के बीच में ही कई काग्रेस नेताओं ने कहा कि 2024 के लोक सभा के चुनाव में राहुल गांधी ही विपक्ष की ओर से पीएम का चेहरा होंगे. लेकिन ऐसे में ये सवाल भी है क्या बिना किसी सर्वदलीय बैठक के ही ये निर्णय ले लिया गया कि राहुल ही पीएम पद के चेहरा होंगे. कांग्रेस पहले से कहते आई है कि ये यात्रा किसी राजनीतिक लाभ के लिए नही बल्कि आम नागरिक से जुड़ने के लिए और उनकी आवाज को उठाने के लिए है.
यात्रा को 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर देख रही कांग्रेस
ऐसा उदाहरण भी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने इस यात्रा के दौरान पेश किया. ऐसे में अचानक पीएम और 2024 के लोकसभा चुनाव का जिक्र कहीं न कही इस यात्रा की अलग मंशा को दर्शाता है. दक्षिण से शुरु हुई इस यात्रा में कई दिग्गज समेत फिल्मी जगत के कई सितारे शामिल हुए. इस यात्रा ने भारतीय राजनीति में अलग जगह बनाई.
आज राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता कर कहा कि “मैं खासतौर से RSS और BJP के लोगों को धन्यवाद करता हूं क्योंकि जितना वे आक्रमण करते हैं उतना हमें सुधार करने का मौका मिलता है। मैं चाहता हूं कि वे और ज़ोर से करें जिससे कांग्रेस पार्टी को अपनी विचारधारा अच्छे से समझ आए, मैं उनको अपना गुरु मानता हूं कि वह मुझे रास्ता दिखा रहे हैं कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं और अच्छी ट्रेनिंग दे रहे हैं”
यूपी में विपक्षियों ने कर दिया है साथ आने से इनकार
इस यात्रा के यूपी में प्रवेश को लेकर कहा कि हम सभी विपक्षियों का स्वागत करने को तैयार हैं. लेकिन इस यात्रा में शामिल होने से सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने मना कर दिया है. ऐसे में राहुल ने कहा कि जो भी इस यात्रा में शामिल होना चाहता है वो हो सकता है. आपको बता दें कि इस यात्रा के दौरान भारी जन सैलाब देखने को मिला जिसे कि कांग्रेस के नेता इसकी सफलता के तौर पर देख रहें है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश के विभिन्न जगहों पर सत्ता में बैठे लोगों के प्रति जनता में आक्रोश है. यही आक्रोश आने वाले वक्त में बीजेपी को चुनाव जीतने में मदद करेगा.
बिना बैठक ही पीएम पद के चेहरा बने राहुल
राहुल गांधी ने भले ही इस यात्रा को भारत जोड़ो के तौर ले जा रहे है लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने इसे 2024 के लोकसभा के चुनाव से जोड़कर देखने लगे हैं. ऐसे में कई कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी ही विपक्ष के पीएम पद के चेहरा होंगे. हालांकि इसको लेकर किसी प्रकार की कोई भी बैठक ना ही पार्टी ने की है और न ही विपक्ष के लोगों ने की है. ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है कि जो यात्रा भारत जोड़ो के नाम पर शुरु हई थी वो 2024 के लोक सभा चुनाव पर कैसे अटक गई.
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