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16 साल में तीसरी किताब, शौर्य सिंघवी ने साबित किया उम्र नहीं, सोच तय करती है सफलता

Written By: Indianews Webdesk
Last Updated: December 15, 2025 15:54:16 IST

सूरत (गुजरात) [भारत], दिसंबर 15: महज 16 साल की उम्र में तीसरी किताब प्रकाशित कर देने वाले सूरत के युवा लेखक शौर्य सिंघवी आज देश के सबसे कम उम्र के मोटिवेशनल राइटर्स और यूथ एंटरप्रेन्योर्स में शुमार हो चुके हैं। फाउंटेनहेड स्कूल में 12वीं के छात्र शौर्य ने अपनी लेखन यात्रा 11 साल की उम्र में शुरू की थी, कोरोना काल में जब उन्होंने अपनी पहली किताब ‘Keep the Ball Rolling’ लिखी। यह किताब 29 दिसंबर 2020 को विमोचित हुई थी। इसके बाद 14 वर्ष की आयु में उन्होंने अपनी दूसरी किताब ‘Exploration and Evolution’ लिखी, जिसमें उन्होंने 20 से अधिक देशों की यात्राओं से मिले अनुभवों और सीखों को शब्दों में पिरोया। अब 16 साल की उम्र में उनकी तीसरी किताब ‘Turning Dreams into Reality’ प्रकाशित हुई है, जो युवाओं को सपनों को हकीकत में बदलने का व्यावहारिक रोडमैप देती है। यह पुस्तक उद्यमिता की शुरुआती राह पकड़ने वालों के लिए प्रेरणा, कौशल और दिशा तीनों प्रदान करती है। इसमें उन्होंने आत्मविश्वास बढ़ाने, असफलताओं से सीखने, सही लक्ष्य निर्धारण, माइंडसेट को स्पष्ट रखने और आइडियाज को प्रोजेक्ट में बदलने जैसे विषयों पर अपने अनुभव साझा किए हैं।

शौर्य ने बातचीत में बताया कि यह पूरी किताब उनके जीवन में मिले अनुभवों, कोर्सेस और चुनौतियों से सीखे गए सबक पर आधारित है। शौर्य यूएस में समर स्कूल कर चुके हैं। वे कहते हैं कि किसी भी उम्र में सपने देखने या लक्ष्य तय करने पर रोक नहीं है। हर इंसान अपनी किस्मत खुद लिखता है। उम्र कभी बाधा नहीं बनती, बाधा बनता है माइंडसेट।

किताब

किताब में शौर्य ने स्वयं सहित कई जाने-माने उद्यमियों जैसे वॉरेन बफेट, स्टीव जॉब्स और रतन टाटा के उदाहरण देकर बताया है कि जिज्ञासा, असफलता और निरंतर प्रयास सफलता की राह खोलते हैं। वे अब अपने वजन कम करने के अनुभव पर अगली किताब लिखने की तैयारी में हैं। शौर्य का एक रिमार्केबल वेट लॉस जर्नी था जिसमें उन्होंने 52 केजी लूज किए। शौर्य का यह एक रिमार्केबल वेट लॉस जर्नी था जिसमें उन्होंने 52 किलो वजन उतारा था, जिससे वे इस अनुभव को अपनी किताब में लेकर आने वाले हैं। भविष्य में वे अपने पिता की तरह उद्योग जगत में कदम रखते हुए ई-वेस्ट सेक्टर में एक इंडस्ट्री स्थापित करने का सपना देखते हैं।

शौर्य के पिता गौरव सिंघवी वेंचर कैपिटलिस्ट हैं, जो 250 करोड़ रुपए से अधिक के फंड के साथ 100+ कंपनियों में निवेश कर चुके हैं। वहीं, लाइंस डेन शो में स्ट्रीम भी हो चुके हैं। मां डॉ. निधि सिंघवी बीएनआई (BNI) के चैप्टर्स को मैनेज करती हैं।

कम उम्र में बड़ा सोचने और उस दिशा में कदम बढ़ाने का संदेश देती शौर्य की यह किताब युवाओं को याद दिलाती है कि सपने सिर्फ सोचने के लिए नहीं, पूरे करने के लिए होते हैं।

(The article has been published through a syndicated feed. Except for the headline, the content has been published verbatim. Liability lies with original publisher.)

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