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अगला बांग्लादेश होगा बिहार! सीमांचल हिस्सों से गायब हो रही हिंदू आबादी, किसने खोले मुस्लिमों के लिए दरवाजे?

BY: Deepak • LAST UPDATED : January 7, 2025, 7:11 pm IST
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अगला बांग्लादेश होगा बिहार! सीमांचल हिस्सों से गायब हो रही हिंदू आबादी, किसने खोले मुस्लिमों के लिए दरवाजे?

Muslim Appeasement In Bihar

India News (इंडिया न्यूज), Muslim Appeasement In Bihar : बिहार के सीमांचल में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण मुसलमानों की आबादी में वृद्धि और हिंदुओं की आबादी में तेजी से गिरावट के बारे में कई रिपोर्टें आई हैं। देखा जाए तो यह कबाबर चौंकाने वाली है। इसके कारण विशेष रूप से किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया की जनसांख्यिकी में भारी बदलाव आया है। लेकिन, लालू यादव और उनके परिवार की आरजेडी और भारत ब्लॉक में उसके सहयोगियों के कारण यह स्थिति दिन-प्रतिदिन और भयावह होती जा रही है।

इंडियन एक्सप्रेस ने इतिहासकार ज्ञानेश कुदसिया के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया था कि विभाजन के समय 42% हिंदू बांग्लादेश (पूर्वी पाकिस्तान) में रह गए थे। 2022 में वहां हुई जनगणना में हिंदुओं की आबादी आधिकारिक तौर पर केवल 7.95% बताई गई। अगर बिहार के सीमांचल में वोट बैंक की राजनीति के लिए मुस्लिम तुष्टिकरण इसी तरह जारी रहा तो यह देश की एकता और अखंडता के लिए भी बड़ा संकट पैदा कर सकता है।

सीमांचल के जिलों में मुस्लिम आबादी लगभग 40 से 70% तक है

इसी रिपोर्ट के मुताबिक, 1951 से 2011 के बीच बिहार के सीमांचल जिलों में मुसलमानों की आबादी में 16% की वृद्धि हुई थी। आज की तारीख में असम, नेपाल और पश्चिम बंगाल की सीमा से लगे बिहार के इन जिलों में मुसलमानों की आबादी करीब 40 से बढ़कर करीब 70 फीसदी हो गई है। किशनगंज में मुसलमानों की आबादी सबसे ज्यादा है।

यही वजह है कि आज सीमांचल की लोकसभा और विधानसभा सीटों की जीत को इंडिया ब्लॉक की सहयोगी आरजेडी और कांग्रेस एक-दूसरे से सीटें छीनने की होड़ में दिख रही हैं, वहीं असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने भी यहां अप्रत्याशित रूप से अपना जनाधार बढ़ाया है।

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मुस्लिम तुष्टिकरण को चरम पर पहुंचाने में जुटा लालू परिवार

ऐसा माना जाता है कि जब भी बिहार की सत्ता पर लालू यादव का प्रभाव बढ़ता है, तो राज्य में मुस्लिम तुष्टिकरण बढ़ने लगता है। आरजेडी नेता मुस्लिम वोट बैंक को लेकर कितने चिंतित हैं, इसका एक उदाहरण तब सामने आया जब लालू यादव की पत्नी राबडी देवी ने अपने आवास पर एक मुस्लिम धार्मिक अनुष्ठान किया और लालू यादव और उनका पूरा परिवार इसमें पूरी तरह से डूबा हुआ नजर आया।

दरअसल, बिहार के मुसलमानों का इतिहास भारत की एकता और अखंडता के लिए बहुत खतरनाक साबित हुआ है। अगर उन्होंने पाकिस्तान बनाने के लिए मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग का समर्थन किया, तो बांग्लादेश मुक्ति आंदोलन के दौरान भी वे पाकिस्तानी सेना के मुरीद बने रहे। इसकी पुष्टि हाल ही में पाकिस्तान की सिंध प्रांतीय विधानसभा के सदस्य सैयद एजाज उल हक ने सदन में ताली बजाकर की है। इसमें हक कह रहे हैं, ‘हम बिहारी मुसलमानों ने गर्व के साथ भारत के विभाजन में योगदान देकर पाकिस्तान बनाया।’

मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी – राजद

लेकिन, राजद की तुष्टिकरण की नीति अभी भी नहीं रुक रही है। भले ही इससे सीमांचल में देश विरोधी ताकतों को पनपने का मौका न मिल रहा हो। इस साल की शुरुआत तक बिहार में राजद सत्ता में थी। राज्य के प्रशासन पर भारत ब्लॉक का दबदबा था। इसी दौरान अयोध्या में पवित्र राम जन्मभूमि पर नवनिर्मित भव्य राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां चल रही थीं।

लेकिन, मुस्लिमों को खुश करने के लिए आरजेडी का हिंदुओं और हिंदू देवी-देवताओं का विरोध चरम पर था। 2 जनवरी, 2024 की TOI की रिपोर्ट के अनुसार, लालू की पत्नी राबड़ी देवी के आवास के बाहर एक पोस्टर लगाया गया था, जिसमें लिखा था ‘मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी’। पोस्टर में पार्टी के विधायक फतेह बहादुर सिंह की तस्वीर आरजेडी के शीर्ष नेताओं के साथ थी। यह वही फतेह बहादुर हैं, जो हिंदू देवी-देवताओं पर विवादित टिप्पणी करने के लिए कुख्यात रहे हैं।

जब आरजेडी यहां सत्ता में थी, तो ऐसी खबरें थीं कि सीमांचल के सैकड़ों सरकारी स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश होता था, क्योंकि जुम्मा की वजह से मुसलमानों को यह पसंद है।

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हिंदू धार्मिक आयोजनों पर हमला किया जा रहा है

कुछ इतिहासकार बिहार के दरभंगा को ‘द्वारबंग’ या बंगाल का द्वार कहते रहे हैं। दरभंगा मिथिला क्षेत्र में है, लेकिन सीमांचल की सीमाएं मिथिला से शुरू होती हैं। फरवरी 2024 की बात है। बिहार में सत्ता बदल चुकी थी, लेकिन लालू यादव की सत्ता का नशा मुसलमानों से पूरी तरह उतरा नहीं था।

दरभंगा में सरस्वती पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन का जुलूस निकल रहा था। कथित तौर पर मुसलमानों ने उस जुलूस पर अचानक हमला कर दिया। दरभंगा में जब-जब राजद सत्ता में होती है, तब-तब हिंदू पूजा पर मुस्लिम हमलों का सिलसिला बढ़ जाता है। चाहे सरस्वती पूजा हो या रामनवमी का जुलूस, ऐसे हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

राजद और सहयोगी दलों ने सीएए का विरोध किया था

बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ जो कुछ हो रहा है, उसकी दुनिया गवाह है। आज वहां बचे हुए हिंदुओं के लिए रहना बहुत गंभीर चुनौती बन गया है। कट्टरपंथी मुसलमान उनके दुश्मन बन गए हैं। लेकिन, वही राजद और इंडिया ब्लॉक पार्टियां बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों से चिंतित नहीं दिखतीं। जो कुछ भी कहा गया है, वह औपचारिकता से ज्यादा कुछ नहीं लगता।

देश के बंटवारे के कारण बहुसंख्यक से अल्पसंख्यक बने लोगों को नागरिकता की गारंटी देने के लिए जब नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) बनाया गया तो राजद और भारत ब्लॉक ने ही मुसलमानों को इसके खिलाफ भड़काया था।

मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए संविधान बदलने पर विचार करेंगे- तेजस्वी यादव

हद तो यह है कि भाजपा पर संविधान बदलने का आरोप लगाने वाले राजद नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव यहां तक ​​कह रहे हैं कि मुसलमानों को दलित का दर्जा नहीं मिलता और जरूरत पड़ने पर उनकी सरकार सत्ता में आई तो वे संविधान बदलने पर भी विचार कर सकते हैं।

आज बिहार के सीमांचल में सिर्फ वोट की राजनीति के लिए जो हालात पैदा कर दिए गए हैं, उसका नतीजा क्या हो सकता है, यह सोचकर भी रूह कांप जाती है।

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Bihar politicsmuslim appeasementnational integrity

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