संबंधित खबरें
संयोगों के शहंशाह मनमोहन सिंह ने बदला भारत
पिता की तरह गुणी हैं मनमोहन सिंह की तीनों बेटियां, कर चुकी हैं ऐसे बड़े-बड़े कारनामे, सुनकर नहीं होगा यकीन
कौन हैं Manmohan Singh की पत्नी गुरशरण कौर? रुला देगी पति के प्रति समर्पण की कहानी
ये शख्स देगा Manmohan Singh के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि, जानें अंतिम संस्कार को लेकर क्या कहता है शास्त्र
Manmohan Singh की खातिर PM Modi ने पाकिस्तान को दिखाई थी उसकी औकात, मांगनी पड़ी थी माफी, कांप गए थे वजीरे आजम
'अकेले Manmohan Singh ने मुसलमानों के लिए…', छलक पड़े ओवैसी के आंसू, कह दी ये बड़ी बात
India news(इंडिया न्यूज़),Uddhav-Raj meeting,मुम्बई: महाराष्ट्र की ठाकरे परिवार हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। कभी राष्ट्रीय राजनीति में को कभी प्रदेश की राजनीति में।महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे साथ बैठक करने वाले है। इस बैठक की कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे है। जिसमें यह कहा जा रहा है कि उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे एक साथ आ सकते है। बताया जा रहा है कि मातोक्षी में उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे की बैठक होने वाली है। आपको बता दें कि राज ठाकरे पिछले 18 साल से मातोक्षी में नहीं आ रहे है। जब शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे थे, तभी से राज ठाकरे नाराज चल रहे है। दोनों भाइयों में होने वाली इस बैठक पर कुछ राजनीतिक पंडितों का मानना है कि दोनों ठाकरे बंधु आपस में मिलकर चुनाव में उतर सकते है। आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे ठाकरे और राज ठाकरे दोनो खास चचेरे भाई है।
संजय राउत और ठाकरे परिवार के बीच मुलाकात
ठाकरे परिवार के सबसे करीबी संजय राउत और मनसे नेता अभिजीत पानसे के बीच एक बैठक का आयोजन किया गया था। बताया जा रहा है कि राउत मनसे कार्यलय खुद से गए थे और एक घंटो से ज्यादा समय तक दोनों नेताओं ने बातचीत की थी। सूत्रों के हवाले से यह भी बताया गया की, बैठक में मनसे के तरफ से पानसे के आलावा कई अन्य नेता भी शामिल थे। 14 जुलाई को राज ठाकरे ने पत्रकारों से बात करते हुए साथ आने वाली बात पर कुछ खुलकर नहीं बोला था। जब पत्रकारों ने पुछा क्या ठाकरे परिवार महाराष्ट्र की राजनीति में एक हो सकती है, तो राज ठाकरे ने इसका उत्तर देने के बजाय मुस्कुरा दिया। राज का मुस्कुरा कर कुछ नहीं बोलना कहीं ना कहीं परिवार के लिए अभी भी प्रेम माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि दोनों पार्टी के नेताओं के मीडिया प्रभारी भी आपस में मिल चुके है।
राज ठाकरे ने 2005 में शिवसेना से तोड़ लिया था नाता
राज ठाकरे अपने चाचा बाल ठाकरे से प्रभावित होकर महाराष्ट्र की राजनीति में आए थे। विल्कुल स्वभाव में चाचा बाला साहब ठाकरे के तरह ही फायर ब्रांड स्वभाव, अपनी बेबाक आवाज़, मराठी मानुष की राजनीति और हक की बात करना, चाचा को देखकर सिखा था। राज अपने आप को बाला साहब के बाद शिवसेना का उत्तराधिकारी मानते थे बाला साहब के बेटे वर्तमान शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को उस समय राजनीति से कोई विशेष प्रेम नहीं था। बाल ठाकरे ने भतीजे को दरकिनार कर बेटे उद्धव को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। फिर एक समय ऐसा आया जब शिवसेना से बड़े-बड़े नेता पार्टी से अलग होने लगे। चाचा के बजाए उद्धव पर अनदेखी का आरोप लगाकर राज ठाकरे ने शिवसेना से अपना नाता तोड़ लिया और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बनाकर महाराष्ट्र की राजनीति में शक्रिय हो गए।
Also Read:
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.