संबंधित खबरें
80 लोगों को ले जा रही नाव हुई तबाह,पानी के अंदर अपनी सांसें गिनते रहे लोग, फिर…
दुबई भेजने का वादा कर ट्रैवल एजेंट ने भारत की हमीदा को पहुंचाया पाकिस्तान, 22 साल बाद अपने वतन लौटने पर यूं छलका दर्द, वीडियो देख रो पड़ेगे आप
दूसरे मर्द के साथ होटल के बंद कमरे में ये घिनौना काम कर रही थी पत्नी, पति ने पकड़ा रंगेहाथ, दिल दहला देने वाला वीडियो वायरल
2014 के बाद से इन दो बिलों को भेजा गया JPC के पास, क्या है इसके पीछे की वजह?
CM Yogi को गंदी बातें बोलने वाला सिरफिरा निकला ‘दीदी’ का फैन, पुलिस देगी ऐसी सजा याद रखेंगी 7 पुश्तें
भीमराव अंबेडकर पर छिड़ा विवाद पर मोदी सरकार और कांग्रेस आमने सामने,इस्तीफ़े की कांग्रेस ने की मांग
India News (इंडिया न्यूज), India China War: भारतीय सेना में वीर और बहादुर जवानों की कोई कमी नहीं है। आज हम आपको ऐसे ही एक वीर जवान की कहानी सुनाएंगे। जिन्होंने अपने अदम्य साहस और दृढ संकल्प से चीनी सैनिकों के दांत खट्टे कर दिए थे। ये किस्सा 1962 में भारत और चीन के बीच हुए जंग का है। इस जंग में एक सेना ने अपनी बहादुरी ऐसी दिखाई दी थी कि, आज भी उनकी बहादुरी के किस्से लोगों की जुबान पर है। भले ही हमें इस जंग में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन हम इसी वजह से अपने शहीद जवानों को कैसे भूल सकते हैं। जिन्होनें अपनी जान देकर भी देश की रक्षा की थी। आज हम परमवीर चक्र से सम्मानित सूबेदार जोगिंदर सिंह की बात करेंगे। जिन्होंने इस जंग में अपनी बहादुरी से चीनी सैनिकों के दांत खट्टे कर दिए थे।
किसान के घर में पैदा हुए जोगिंदर बचपन से ही बहादुर थे और उनमें हमेशा देश प्रेम की भावना रही। सिख रेजिमेंट के इस बहादुर सिपाही के कौशल और साहस के चीनी सैनिक भी दीवाने थे। 1962 में हुए भारत-चीन जंग से पहले भी सूबेदार द्वितीय विश्व युद्ध और 1947-48 के पाकिस्तान युद्ध में भी अपना रण कौशल दिखा चुके थे। 1962 जंग के दौरान सूबेदार जोगिंदर सिंह के पास न तो पर्याप्त मात्रा में सैनिक थे और ना ही असलहे थे। फिर भी उन्होंने पीछे हटने के बजाय चीनी सैनिकों के साथ डटकर सामना करने का फैसला लिया। वो और उनकी पलटन चीन की सेना का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए आगे बढ़ती है और चीनी सेना का मुंहतोड़ जवाब देती है।
सामंथा ने अपने इस लुक से सोशल मीडिया पर लगाई आग, उनका ये डैसिंग लुक देखकर खुला रह जाएगा मुंह
सूबेदार और उनके साथी इस मुठभेड़ में बिना हिम्मत हारे पूरे जोश के साथ जूझते रहे और आगे बढ़ती चीन की फौजों को चुनौती देते रहे। खून से लथपथ भारतीय सैनिक ने चीनी सेना को पछाड़ ही दिया था, लेकिन इस बीच चीन की बैकअप फोर्स भी आ पहुंची और उन्होंने आखिरकार भारतीय सैनिकों पर काबू पाया और उन्हें बंदी बना लिया। ये हकीकत था कि वह मोर्चा भारत जीतने में नाकाम रहा, लेकिन उस मोर्चे पर सूबेदार जोगिंदर सिंह ने जो बहादुरी आखिरी पल तक दिखाई, उसे कभी नहीं भूला जा सकता है।
सूबेदार जोगिंदर सिंह को उनके अदम्य साहस, समर्पण और प्रेरक नेतृत्व के लिए मरणोपरांत सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र से नवाजा गया था। जब इसकी जानकारी चीन को हुई कि, सूबेदार जोगिंदर सिंह को भारत का सर्वोच्च सम्मान मिला है, तो उन्होंने भी इस बहादुर का सम्मान किया। सम्मान करते हुए उन्होंने सूबेदार जोगिंदर सिंह की अस्थियां भारत को लौटाईं।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.