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India News (इंडिया न्यूज), Nirmala Sitharaman On Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (30 जुलाई) को कहा कि सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रबंधन और बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत व्यय के कारण भारत ने कोविड महामारी के बाद उच्च वृद्धि हासिल की। उन्होंने कहा कि आज हमारा देश दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है। लोकसभा में केंद्रीय बजट 2024-25 पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बजट में किसी राज्य का नाम न होने का मतलब यह नहीं है कि उसे कुछ आवंटित नहीं किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि चालू वित्त वर्ष के कुल 48.21 लाख करोड़ रुपये के बजट में सामाजिक और भौगोलिक समावेश पर जोर दिया गया है। इसका मतलब है हर वर्ग और क्षेत्र पर ध्यान दिया गया है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रबंधन और बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत व्यय के कारण महामारी के बाद हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी है। आज हम दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारी आर्थिक वृद्धि न केवल बेहतर है, बल्कि हम राजकोषीय घाटे को कम करने की राह पर भी हैं। उल्लेखनीय है कि 2023-24 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही है। भारत ने दुनिया में सबसे तेजी से वृद्धि करने वाले प्रमुख देश का दर्जा बरकरार रखा है। वित्त मंत्री ने कहा कि हम राजकोषीय समेकन के तहत 2025-26 में राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत पर लाने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। चालू वित्त वर्ष में इसके 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसका श्रेय बेहतर अर्थव्यवस्था प्रबंधन को जाता है।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सामाजिक क्षेत्रों के लिए आवंटन कम करने के विपक्षी दलों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बजट दस्तावेज इसके विपरीत बताता है। शिक्षा क्षेत्र के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह पिछले वित्त वर्ष से अधिक है। उन्होंने कहा कि 2004-05 के बजट में 17 राज्यों का जिक्र नहीं किया गया। 2010-11 के बजट में 19 राज्यों का जिक्र नहीं किया गया, 2014-15 के बजट में 10 राज्यों का जिक्र नहीं किया गया। सीतारमण ने कहा कि हर कोई जानता है कि तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई दोहरे अंक में पहुंच गई थी। लेकिन आज यह काफी हद तक नियंत्रण में है। यह सरकार की बेहतर नीतियों का नतीजा है।
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