India News (इंडिया न्यूज़), Fake Cancer Drug Racket: दिल्ली पुलिस ने नकली कैंसर दवा रैकेट के सिलसिले में आज, 15 मार्च को चार और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। इस रैकेट में अब तक कुल गिरफ्तारियों की संख्या 12 हो गई है। पुलिस के अनुसार, आरोपी, रोहित, जितेंद्र, माजिद और साजिद, सभी दिल्ली के के विभिन्न अस्पताल में ऑन्कोलॉजी विभाग में कार्यरत थे। इस चारो आरोपियों ने रैकेट के मास्टर माइंड नीरज चौहान का सहयोग किया था।
कैंसर की दवा के बदले एंटी-फंगल दवाएं
हाल की गिरफ्तारियों ने सिंडिकेट का पर्दाफास किया। ये लोग जरूरतमंद रोगियों को वास्तविक कीमोथेरेपी उपचार देने के बजाय, खाली शीशियों में एंटी-फंगल दवाएं भर दीं और उन्हें कैंसर दवाओं के रूप में लोगों को देते थे। पुलिस के हाथ कुछ ऐसे सबूत लगे हैं जो बताते हैं कि गिरोह की पहुंच दिल्ली की सीमाओं से कहीं आगे तक फैली हुई है। इस गैंग का संबंध न केवल देश के भीतर बल्कि चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी खरीदारों से है। पुलिस के मुताबिक बेची गई नकली दवाओं की कीमत 25 करोड़ रुपये से ज्यादा आंकी गई है।
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पिछले दो वर्षों से ऑपरेशन
नकली दवाओं पर कार्रवाई पिछले दो वर्षों में शुरू हुई। रैकेट के प्रमुख लोगों में से एक विफिल जैन ने दिल्ली के मोती नगर में डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स में स्थित दो फ्लैटों से पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया। जैन, जो पहले मेडिकल दुकानों से जुड़ा था, नकली कैंसर दवाओं के उत्पादन का निरीक्षण करते थे। उनके सहयोगी, सूरज शाट ने खाली शीशियों में एंटी-फंगल दवा भरी और उन्हें कैंसर दवाओं के रूप में बेचा।
इन नकली दवाओं के 7,000 से अधिक इंजेक्शन भारत, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका में बेचे गए, जिनकी प्रति शीशी ₹ 1 से ₹ 3 लाख तक कीमत थी।
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