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कल्पना वशिष्ठ, जयपुर :
राज्यसभा की 4 सीटों के लिए कवायद शुरू हो गई है। ये सीट जुलाई में रिक्त होंगी। भाजपा के रामकुमार वर्मा, ओम प्रकाश माथुर, हर्षवर्धन सिंह व केजे अल्फोंस का कार्यकाल चार जुलाई को पूरा हो जाएगा। गणित से अनुमान है कि कांग्रेस 3 सीट व भाजपा एक सीट जीत सकती है। अभी 4 सीट भाजपा की हैं। बड़ी बात ये कि यहां से कांग्रेस प्रियंका गांधी वाड्रा व भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को राज्यसभा भेज सकती है। वसुंधरा राजे को केंद्रीय मंत्रिमंडल में विशालकाय विभाग दिया जा सकता है बशर्ते वे हामी भर दें।
कांग्रेस प्रियंका गांधी वाड्रा को उम्मीदवार घोषित कर सकती है। वहीं राजनीति में आने की इच्छा जता चुके रॉबर्ट वाड्रा का नाम पर भी राजस्थान व छत्तीसगढ़ से चर्चा में है। पूर्व केंद्रीय मंत्री भँवर जितेंद्र सिंह को भी एक मजबूत दावेदार माना जा रहा है। गुजरात प्रभारी रघु शर्मा,हरीश चौधरी का नाम भी चल रहा है।
भाजपा से वसुंधरा राजे हामी भर देती हैं तो उनको केंद्र सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिलना तय है। राजे का ध्यान मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है जबकि भाजपा के आलाकमान उनको राजस्थान से कैसे भी निकालना चाहते हैं,ये चर्चा राजनीतिक गलियारों में आम हैं। इसलिए भाजपा के कार्यकर्ताओं में ये संदेश भी दिया गया कि चुनाव मोदी के चेहरे पर होगा।
दूसरी तरफ ओम प्रकाश माथुर को चुनाव लड़ाने की चर्चा चल रही है। माथुर मोदी के अलावा संघ से भी करीब हैं। विधायकों की संख्या देंखे तो कांग्रेस दो सीट भाजपा की एक सीट तो आसानी से जीत रही है। बचीखुची सीट के लिए भी इकतालीस वोट की जंग होगी। कांग्रेस को छब्बीस भाजपा को तीस वोट जुटाने हैं। पहली सीट पर 71 सदस्य भारतीय जनता पार्टी के वोट देते हैं तो पहली सीट पर जीत तय है।
राजनीतिक पंडितों की मानें तो भाजपा को दूसरी सीट पर विपक्ष में सेंध जरूरी है। दूसरी सीट जीतना आसान नहीं है। कांग्रेस व अन्य विधायकों को भी अपने पक्ष में लाने का माद्दा रखने वाला उम्मीदवार लाना होगा। कांग्रेस को तरह निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला हुआ है। वहीं, बीटीपी व माकपा से उम्मीद है। ये होता है तो कांग्रेस समर्थित विधायकों के साथ एक सौ इक्कीस की संख्या पर जा पहुंचेगी।
दो साल पहले राज्यसभा चुनाव में भी भाजपा के पास एक ही सीट जी संख्या थी। ओंकार सिंह लाखावत को भी दूसरी सीट पर उतार दिया था। चुनाव तीन सीटों पर हुआ। कुल मिला कर कांग्रेस तीन सीट ला सकती है। कांग्रेस व भाजपा में अंदरूनी विवाद भी चरम पर है।
एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो दूसरी तरफ सचिन पायलट ताल ठोक रहे हैं। दोनों के पास अपने विधायक हैं। सूत्रों की मानें तो ऐसे में गहलोत प्रियंका गांधी का दांव खेल रहे हैं। भाजपा में भी अंदरूनी तनाव कम नहीं है,खुलकर खेमे आमने सामने हैं। वसुंधरा राजे की नाराजगी किसी से छिपी नहीं है।
उनका बड़ा भारी भरकम कद है, बड़ी संख्या में विधायक साथ हैं, ऐसे में ये राज्यसभा की 4 सीटों का चुनाव रोचक होने वाला है। उदयपुर में 14 से 16 मई तक होने जा रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय चिंतन शिविर पर भी सभी की नज़र है। यहां भी राज्यसभा की सीटें बड़ा मुद्दा रहेंगी। बहरहाल, अभी गणित देखा जाए तो 4 में से 3 सीट कांग्रेस की तरफ जाती नज़र आ रही हैं। अगर बड़े चेहरे मैदान में आ गए तो चुनाव बहुत रोचक होगा।
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