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India News (इंडिया न्यूज),Kolkata Doctor Case:कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में पीड़िता के पिता ने बड़ा खुलासा किया है। प्रशिक्षु डॉक्टर के पिता ने दावा किया है कि वह अपनी बेटी के शव को सुरक्षित रखना चाहते थे, लेकिन उन्हें उसका अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया गया। 31 वर्षीय महिला के परिवार और रिश्तेदार बुधवार (4 सितंबर) को सरकारी अस्पताल के बाहर देर रात तक विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशिक्षु महिला डॉक्टर पीड़िता के माता-पिता ने कोलकाता पुलिस पर पैसे का लालच देने का भी आरोप लगाया है। प्रशिक्षु डॉक्टर के पिता ने मीडिया को बताया कि जब वे शव लेकर घर लौटे तो 300-400 पुलिसकर्मियों ने उन्हें घेर लिया।
पीड़िता के पिता ने खुलासा किया कि हम चाहते थे कि शव सुरक्षित रखा जाए, लेकिन बहुत दबाव बनाया गया। करीब 300-400 पुलिसकर्मियों ने हमें घेर लिया। जब हम घर लौटे तो देखा कि करीब 300 पुलिसकर्मी बाहर खड़े थे। उन्होंने ऐसी स्थिति पैदा कर दी कि हमें शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने दावा किया कि दाह संस्कार जल्दबाजी में किया गया और परिवार से खर्च वहन करने के लिए नहीं कहा गया।
कुछ पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर पीड़िता के पिता से एक खाली कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि उन्होंने उस कागज को फाड़ दिया। उन्होंने कहा कि जब एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उन्हें पैसे देने की कोशिश की। इस पर पीड़िता के पिता ने कहा कि अस्पताल के अधिकारियों ने उन्हें यह क्यों बताया कि उसकी मौत आत्महत्या से हुई है। उन्होंने कहा कि शव देखने से पहले उन्हें तीन घंटे से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मृतक की चाची ने कहा कि जब तक अंतिम संस्कार नहीं हुआ, तब तक 300-400 पुलिसकर्मियों ने हमें घेर रखा था, लेकिन अंतिम संस्कार के बाद वहां एक भी पुलिसकर्मी नहीं दिखा। परिवार क्या करेगा, वे घर कैसे जाएंगे, पुलिस ने कोई जिम्मेदारी नहीं ली। अंतिम संस्कार होने तक पुलिस सक्रिय थी और उसके बाद पूरी तरह निष्क्रिय हो गई। मौसी ने कहा कि जब घर में माता-पिता के सामने बेटी का शव पड़ा था और हम आंसू बहा रहे थे, तब पुलिस पैसे दे रही थी, क्या यही पुलिस की मानवता है? मृतक प्रशिक्षु डॉक्टर की मौसी ने आगे कहा कि कोलकाता पुलिस कह रही थी कि उन्होंने अपनी सारी जिम्मेदारियां पूरी कर दी हैं, क्या इसे ही जिम्मेदारी निभाना कहते हैं?
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