मनोहर प्रसाद केसरी, स्पेशल कॉरेस्पोंडेंट, इंडिया न्यूज:
रेलवे स्टेशन, प्लेटफॉर्म, टिकट बुकिंग काउंटर प्लेस से लेकर रेल सफर के दौरान रेल यात्रियों की सहूलियत के लिए रेलवे ने 51,200 रेलकर्मियों को कर्मयोगी के रूप में प्रशिक्षित किया है। प्रधानमंत्री के कर्मयोगी मिशन (Karmayogi Mission) की घोषणा के बाद रेलवे पहला मंत्रालय है जिसने इतनी तादाद में कर्मयोगी ट्रेंड किया है। इन ट्रेंड कर्मयोगियों को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है और ट्वीट कर जानकारी देते हुए कहा है कि “मोदी जी के मार्गदर्शन से आज रेल परिवार में 50,000 ‘कर्मयोगी’ तत्पर हैं।”
सेवाभाव, प्रोफेसनल समेत 8 मॉडल के आधार पर ट्रेनिंग दी जाती है। इस प्रोगाम को Indian Railways Institute of Transport Management (IRITM), लखनऊ के ग्रुप C के रेलकर्मियों को ट्रेनिंग IT सेक्टर की मदद से दी है।
रेल मुसाफिरों की दिक्कतों को दूर करेंगे कर्मयोगी
IRITM की डीजी चंद्रलेखा मुखर्जी के मुताबिक, अगर अचानक किसी ट्रेन के आने का प्लेटफॉर्म नम्बर चेंज हो जाता है और रेलगाड़ी दूसरे प्लेटफॉर्म पर आने की सूचना मिलती है तो ये कर्मयोगी प्रोफेशनली इस चीज को कैसे हैंडल करें ताकि, भगदड़ ना मचे, रेल मुसाफिरों को दिक्कत ना हो। अगर किसी को टिकट काउंटर पर रिजर्वेशन फॉर्म भरने से हर एक समस्याओं का समाधान विनम्रतापूर्वक ये ट्रेंड कर्मयोगी करेंगे। इन तमाम कर्मयोगियों के ट्रेनिंग के बाद एक सर्टिफिकेट और बैज दिया जाएगा।
केंद्र सरकार ने 2020 में शुरू किया था मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम
साथ ही, ज़ोनवाइज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये करीब 1 लाख से ज़्यादा रेलकर्मियों को कर्मयोगी और 1 हजार को मास्टर ट्रेनर बनाने का लक्ष्य है जिनमें से अबतक 51,200 को कर्मयोगी को सर्टिफिकेट दिया जा चुका है। इसके तहत रेलवे स्टेशन मास्टर, टिकट कलेक्टर, टिकट एग्जामनर समेत कई रेलकर्मी शामिल है। दरअसल, केंद्र सरकार ने 2020 में मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम (Mission Karmayogi Program) को लांच किया था और 5 केंद्रीय मंत्रलाय को इसका लक्ष्य दिया गया।
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