Live
Search
Home > देश > राष्ट्रपति मुर्मू ने 9 भाषाओं में संविधान के अनुवाद का किया लोकार्पण, कहा- यह राष्ट्रीय अस्मिता की पहचान…

राष्ट्रपति मुर्मू ने 9 भाषाओं में संविधान के अनुवाद का किया लोकार्पण, कहा- यह राष्ट्रीय अस्मिता की पहचान…

Written By: Shivashakti narayan singh
Last Updated: November 26, 2025 12:21:42 IST

Constitution Day India 2025: देश में आज 76वां संविधान दिवस मनाया जा रहा है. यह दिन 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाने की याद दिलाता है. यह अवसर डॉ. भीमराव आंबेडकर और संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि देने का है, जिन्होंने न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुता के मूल सिद्धांतों पर आधारित हमारा संविधान बनाया. संविधान दिवस के अवसर पर संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में‌ बुधवार को एक समारोह आयोजित किया गया.

राष्ट्रपति ने संविधान के डिजिटल संस्करण को मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया, असमिया और मलयालम सहित 9 भाषाओं में जारी किया. संविधान के इन अनुवादों का लोकार्पण करते हुए उन्होंने कहा कि आज का दिन संविधान निर्माताओं के प्रति सम्मान व्यक्त करने का अवसर है.

संविधान राष्ट्रीय अस्मिता की पहचान

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ‘हमारा संविधान हमारी राष्ट्रीय अस्मिता की पहचान है, ये औपनिवेशिक पहचान को त्याग करके राष्ट्रवादी भावना के साथ आगे बढ़ने का मार्गदर्शक ग्रंथ है. दंड के स्थान पर न्याय की भावना पर आधारित भारतीय न्याय संहिता को लागू किया गया है. ऐसे अनेक प्रगतिशील चीजों को सार्थक विमर्श के बाद पारित करने के लिए मैं संसद सदस्यों की सराहना करती हूं.’उन्होंने कहा, ‘हम सामूहिक स्तर पर संविधान में आस्था व्यक्त करते हैं और युवाओं को संवैधानिक आदर्शों से अवगत कराया जाता है.’

भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है

राष्ट्रपति ने भारतीय संसद को विश्व के अनेक लोकतंत्रों के लिए उदाहरण बताते हुए कहा, ‘मुझे यह कहते हुए अत्यंत प्रसन्नता होती है कि हमारी संसद ने कई अच्छे उदाहरण पेश किए हैं. संविधान निर्माताओं की आशाओं पर खरा उतरने के लिए मैं सभी सांसदों को बधाई देती हूं.’  ‘भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तेज गति से आगे बढ़ रहा है. लगभग 25 करोड़ लोग गरीबी की सीमा रेखा से बाहर आए हैं, जो आर्थिक न्याय के पैमाने पर विश्व की सबसे बड़ी सफलता है.’

उपराष्ट्रपति ‘सीपी राधाकृष्णन’

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति सीपी राधाकृष्णन ने इस मौके पर कहा कि यह उन देशवासियों की सामूहिक बुद्धिमत्ता, त्याग और सपनों का प्रतीक है, जिन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी…. संविधान सभा के सदस्यों ने करोड़ों भारतीयों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए गहन और सुदूरदर्शी विचार दिए. उनके निःस्वार्थ योगदान ने भारत को आज दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बनाया है.

 यह लोग रहें मौजूद

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, पीएम नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश, पार्लियामेंट्री अफेयर्स मिनिस्टर किरेन रिजिजू, राज्यसभा में सदन के लीडर जेपी नड्डा, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, 

MORE NEWS

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?