1. ELSS (Equity Linked Savings Scheme): सबसे लोकप्रिय विकल्प
रिटर्न (5 साल का औसत): 19.39%
लॉक-इन पीरियड: 3 साल
खासियत: कम लॉक-इन पीरियड, हाई रिटर्न और टैक्स फ्री गेन
ELSS (इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम) निवेशकों के लिए सबसे आकर्षक विकल्पों में से एक है। इसमें आपको इक्विटी मार्केट में निवेश का लाभ मिलता है, जो दीर्घकालिक रिटर्न के लिए फायदेमंद हो सकता है। हाल के बाजार सुधारों के कारण इनमें निवेश का आकर्षण और भी बढ़ गया है। SIP (Systematic Investment Plan) के जरिए इसमें निवेश किया जा सकता है, या फिर एकमुश्त भी निवेश किया जा सकता है।
लाभ:
- उच्च रिटर्न
- टैक्स फ्री गेन (सेक्शन 10D के तहत)
- 3 साल का लॉक-इन
2. NPS (National Pension System): रिटायरमेंट के लिए बेहतरीन विकल्प
रिटर्न (5 साल का औसत): 7.5-16.9%
लॉक-इन पीरियड: रिटायरमेंट तक
खासियत: एक्स्ट्रा टैक्स डिडक्शन और फ्लेक्सिबल एसेट एलोकेशन
NPS एक रिटायरमेंट निवेश योजना है, जिसमें निवेशकों को टैक्स डिडक्शन के कई फायदे मिलते हैं। इसके तहत आपको 80C के तहत ₹1.5 लाख की छूट मिलती है, और 80CCD(1B) के तहत ₹50,000 तक की अतिरिक्त टैक्स छूट प्राप्त होती है। इसके अलावा, यदि आपके एंप्लॉयर द्वारा योगदान किया जाता है, तो उस पर भी 14% तक टैक्स छूट मिल सकती है।
लाभ:
- लंबी अवधि के रिटायरमेंट निवेश के लिए आदर्श
- फ्लेक्सिबल एसेट एलोकेशन (इक्विटी, डेट, कॉर्पोरेट बॉंड्स आदि)
- अतिरिक्त टैक्स बचत
3. रिटायरमेंट म्युचुअल फंड: लो रिस्क, लॉन्ग टर्म रिटर्न
रिटर्न (5 साल का औसत): 9-19%
लॉक-इन पीरियड: 5 साल
खासियत: हाइब्रिड इन्वेस्टमेंट, लो रिस्क
यह योजना उन निवेशकों के लिए है जो कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न चाहते हैं। ये म्युचुअल फंड्स लंबी अवधि के लिए सही रहते हैं और एक स्थिर रिटर्न की उम्मीद दिलाते हैं। हालांकि, इन पर ELSS की तरह टैक्स छूट नहीं मिलती है।
लाभ:
- सुरक्षित निवेश
- लंबी अवधि के लिए अच्छा रिटर्न
4. ULIPs (Unit Linked Insurance Plans): इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट का कॉम्बिनेशन
रिटर्न (5 साल का औसत): 7-18%
लॉक-इन पीरियड: 5 साल
खासियत: टैक्स फ्री रिटर्न और पोर्टफोलियो रिबैलेंसिंग
ULIP्स में इंश्योरेंस और निवेश दोनों का फायदा मिलता है। यह एक मिश्रित योजना है, जिसमें टैक्स फ्री रिटर्न और पोर्टफोलियो रिबैलेंसिंग की सुविधा होती है। निवेशकों को अपनी जरूरत के हिसाब से इसमें निवेश करना चाहिए।
लाभ:
- टैक्स फ्री गेन
- फ्लेक्सिबल निवेश
5. सुकन्या समृद्धि योजना: बेटियों के भविष्य के लिए
रिटर्न: 8.2%
लॉक-इन पीरियड: बच्ची के 18 साल तक
खासियत: टैक्स फ्री रिटर्न और गारंटीड सेविंग्स
यह योजना विशेष रूप से बेटियों के लिए है और इसमें निवेशकों को सुरक्षित और टैक्स फ्री रिटर्न मिलता है। यह योजना बच्चों के भविष्य के लिए एक आदर्श निवेश विकल्प हो सकती है।
लाभ:
- टैक्स फ्री रिटर्न
- गारंटीड सेविंग्स
6. सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम (SCSS): बुजुर्गों के लिए बेस्ट विकल्प
रिटर्न: 8.2%
लॉक-इन पीरियड: 5 साल
खासियत: सुरक्षित और नियमित आय का स्रोत
यह योजना वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक सुरक्षित निवेश विकल्प है। इसमें नियमित रूप से आय मिलती है और साथ ही टैक्स छूट भी मिलती है। बुजुर्गों के लिए यह योजना उपयुक्त है।
लाभ:
- सुरक्षित और स्थिर रिटर्न
- टैक्स लाभ
7. PPF (Public Provident Fund): गारंटीड टैक्स फ्री रिटर्न
रिटर्न: 7.1%
लॉक-इन पीरियड: 15 साल
खासियत: टैक्स फ्री रिटर्न और सुरक्षित इन्वेस्टमेंट
PPF एक बेहद सुरक्षित और लंबी अवधि के लिए उपयुक्त निवेश विकल्प है। इसमें रिटर्न टैक्स फ्री होता है और यह सरकार द्वारा समर्थित योजना है।
लाभ:
- टैक्स फ्री रिटर्न
- लंबी अवधि के लिए सुरक्षित निवेश
8. NSC (National Savings Certificate): सुरक्षित निवेश विकल्प
रिटर्न: 7.25-8%
लॉक-इन पीरियड: 5 साल
खासियत: सुरक्षित निवेश और टैक्स बचत
NSC एक सुरक्षित निवेश योजना है जो स्थिर रिटर्न और टैक्स सेविंग का अवसर प्रदान करती है। इसमें 5 साल का लॉक-इन पीरियड होता है और यह योजना सरकार द्वारा प्रायोजित होती है।
लाभ:
- सुरक्षित और स्थिर रिटर्न
- टैक्स बचत
9. लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी: टैक्स सेविंग और सुरक्षा
रिटर्न: 5-6%
लॉक-इन पीरियड: मैच्योरिटी तक
खासियत: लाइफ कवर और टैक्स सेविंग
यह योजना सुरक्षा के साथ टैक्स बचाने का एक अच्छा तरीका है। हालांकि, रिटर्न कम होने के कारण यह टैक्स सेविंग का प्रमुख विकल्प नहीं हो सकता, लेकिन इसमें सुरक्षा और कवर दोनों मिलते हैं।
लाभ:
- जीवन सुरक्षा
- टैक्स बचत
हर टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट का अपना उद्देश्य और लाभ है। ELSS, NPS, और ULIPs बेहतर रिटर्न और टैक्स बचत का मौका देते हैं, जबकि सुकन्या योजना, SCSS, और PPF अधिक सुरक्षित और स्थिर विकल्प प्रदान करते हैं। अपनी निवेश रणनीति बनाने से पहले, आपको इन योजनाओं के बीच के फर्क को समझना और अपनी ज़रूरत के हिसाब से सही विकल्प चुनना चाहिए।