ADVERTISEMENT
होम / देश / देश में हुआ हर्षद मेहता से भी बड़ा घोटाला, CRB के नाम से करोड़ों रुपए का किया स्कैम – IndiaNews

देश में हुआ हर्षद मेहता से भी बड़ा घोटाला, CRB के नाम से करोड़ों रुपए का किया स्कैम – IndiaNews

BY: Simran Singh • LAST UPDATED : June 28, 2024, 8:39 am IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

देश में हुआ हर्षद मेहता से भी बड़ा घोटाला, CRB के नाम से करोड़ों रुपए का किया स्कैम – IndiaNews

Chan Roop Bhansali

India News (इंडिया न्यूज़), CRB Scam: शेयर बाजार में घोटाले के बारे में सोचते ही सबसे पहले दिमाग में हर्षद मेहता का नाम जरूर आता होगा। लेकिन एक और घोटाला है, जिसके बारे में काफी कम ही चर्चा की गई है जिसका का नाम CRB घोटाला है। इस घोटाले को देश का सबसे बड़ा म्यूचुअल फंड घोटाला तक कहा जाता है। अगर आपने इस घोटाले के बारे में नहीं सुना है, तो आप शेयर बाजार की एक अहम घटना से अनजान हैं। इस घोटाले के बाद आम निवेशकों का भरोसा इस हद तक डगमगा गया कि लोग निवेश करने से ही डरने लगे।

CRB घोटाला भारतीय शेयर बाजार के बड़े घोटालों की सूची में शामिल किया जाता है। इस कहानी का मुख्य किरदार चैन रूप भंसाली नाम का एक मध्यमवर्गीय व्यवसायी था। इस नाम का संक्षिप्त नाम सीआरबी है। पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट भंसाली ने ऐसा खेल खेला कि लोग दंग रह गए। हर्षद मेहता पर बनी वेब सीरीज स्कैम 1992 हिट रही और अगर इस घोटाले पर भी कोई वेब स्टोरी बनेगी, तो वह सुपरहिट साबित होगी।

कौन है चैन रूप भंसाली

चैन रूप भंसाली की बात करें तो वह राजस्थान के सुजानगढ़ से थे, लेकिन बाद में कोलकाता आ कर रहने लगे। जूट का कारोबार करने वाले एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले सीआर भंसाली ने 1980 में बीकॉम की डिग्री हासिल की। ​​बाद में वे चार्टर्ड अकाउंटेंट बन गए। उन्होंने अपने नाम से एक कंसल्टेंसी फर्म खोली- CRB कंसल्टेंसी। यह फर्म लोगों को वित्तीय सहायता मुहैया कराती थी। भंसाली शुरू से ही काफी सक्रिय थे और कई क्षेत्रों में उनके अच्छे संपर्क थे। कोलकाता में ही उन्हें कई क्लाइंट मिले, जिन्हें उन्होंने इश्यू मैनेजमेंट सेवाएं देनी शुरू किया था।

समय बीतता गया और भंसाली ने पढ़ाई के दौरान कई और डिग्रियां हासिल कीं, जिनमें ACH, PHD और MIIA (UAC) शामिल हैं। यहां तक ​​कि उन्होंने पत्रकारिता में डिप्लोमा भी किया। वे पैसे कमा रहे थे, लेकिन भूख बड़ी थी और उन्हें लगने लगा कि कोलकाता उनकी भूख को शांत नहीं कर पा रहा है और न ही कर पाएगा। ऐसे में उन्होंने देश की राजधानी दिल्ली का रुख किया। दिल्ली में उन्हें एक बड़ी रजिस्ट्रार कंपनी में नौकरी मिल गई, लेकिन यहां वे गलत काम करने लगे और फिर उन्हें कंपनी छोड़नी पड़ी। भंसाली पर कंपनी के क्लाइंट से पैसे ऐंठने का आरोप लगाया गया था। CRB Scam

CRB Scam

CRB Scam

Bad Newz का नया पोस्टर हुआ रिलीज, इस तरह के अंदाज में नजर आए स्टार – IndiaNews

कैसे हुई घोटाला की शुरूआत?

1992 में भंसाली ने अपनी कंपनी का नाम बदलकर CRB कैपिटल मार्केट्स (CRB कैप्स) रख दिया। यह एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी थी। नाम ही नहीं बदला, काम भी बदल गया। 1994 में चैन रूप भंसाली ने CRB म्यूचुअल फंड की स्थापना की। अगले साल 1995 में CRB शेयर कस्टोडियल सर्विसेज की शुरुआत की। ये तो बस कुछ नाम हैं। दरअसल, भंसाली ने अपने फ्रॉड को मूर्त रूप देने के लिए 133 डमी कंपनियां बनाईं। CRB Scam

जब 90 का दशक शुरू हुआ, तब NBFC (नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनीज) का कारोबार खूब फल-फूल रहा था। कई कंपनियां बाजार में अपना कारोबार जमाने की कोशिश कर रही थीं। इसी बीच भंसाली ने एक पोंजी स्कीम शुरू की। उसने भारी रिटर्न का वादा किया और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), बॉन्ड और डिबेंचर के जरिए पैसे जुटाने शुरू कर दिए। अब हर कोई बेहतर रिटर्न के लालच में था इसलिए लोगों ने निवेश करना शुरू कर दिया। भंसाली स्टॉक ब्रोकिंग में सक्रिय थे। यहां उन्होंने अपनी कंपनियों और क्रॉस होल्डिंग्स के जरिए शेयर की कीमतों को प्रभावित करना शुरू किया। 1992 में CRB कैपिटल मार्केट्स के पास केवल 2 करोड़ रुपए थे, लेकिन अगले चार सालों में (1996 तक) यह संख्या 430 करोड़ रुपए तक पहुंच गई।

हर्षद मेहता के बाद भंसाली! CRB Scam

CRB कैपिटल मार्केट्स ने मर्चेंट बैंकिंग, लीजिंग, हायर एंड परचेज, बिल डिस्काउंटिंग और कॉरपोरेट फंड मैनेजमेंट समेत कई सेवाएं देना शुरू किया। 1992 से 1996 के बीच भंसाली का कारोबार अपने चरम पर था, जब उन्होंने सार्वजनिक रूप से फंड जुटाए। फ्लैगशिप कंपनी सीआरबी कैपिटल मार्केट्स ने महज 3 साल में 176 करोड़ रुपए जुटाए। 1994 में कंपनी ने म्यूचुअल फंड के तहत अरिहंत मंगल ग्रोथ स्कीम लॉन्च की, जो 1999 में मैच्योर होनी थी। इस स्कीम के जरिए 230 करोड़ रुपए जुटाए गए। 180 करोड़ रुपए एफडी के जरिए आए।

हर्षद मेहता घोटाले के बाद 1992 से 1995 का दौर ऐसा था जब बाजार लगातार गिरने लगा था। भंसाली की शुरू से ही बाजार में इज्जत थी, इसलिए उन्होंने करीब 900 करोड़ रुपए जुटाए और अपनी उन कंपनियों में ट्रांसफर कर दिए, जिनका अस्तित्व ही नहीं था। किसी को उन पर शक नहीं हुआ, लेकिन भंसाली अपना काम करते रहे।

इस वजह से दर्शकों को नहीं पसंद आई Kalki 2898 AD, X रिव्यू पर फिल्म की खोली पोल – IndiaNews

धार्मिक गुरुओं और नेताओं से समर्थन का हुआ फायदा

भंसाली की कंपनियों को केयर ने AAA रेटिंग दिए थी और 7-10% का एडवांस कैश पेमेंट निवेशकों को आकर्षित कर रहा था। भंसाली ने हमेशा धार्मिक गुरुओं और राजनीतिक दलों के नेताओं से अच्छे संबंध बनाए रखे, जिन्होंने उन्हें निवेशक और क्लाइंट दिलाने में मदद की।

भंसाली ने बाजार से ज्यादा से ज्यादा पैसे जुटाने के लिए अपने पैसे का दुरुपयोग करके शेयर की कीमतों में हेरफेर करना शुरु किया। उन्होंने अपनी खुद की फाइनेंस कंपनियों के जरिए अपने शेयर खरीदकर ऐसा किया। इसके अलावा उन्होंने अपनी दूसरी पब्लिक कंपनियों के जरिए क्रॉस-होल्डिंग के जरिए एक-दूसरे में निवेश किया। CRB कैपिटल मार्केट्स और सीआरबी शेयर कस्टोडियन सर्विसेज दोनों ही 1994-95 में सीआरबी म्यूचुअल फंड्स द्वारा फंड की गई टॉप 10 कंपनियों में शामिल थीं।

इस तरह लुट हुई पूरी CRB Scam

यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि CRB शेयर कस्टोडियन ने CRB कैपिटल मार्केट्स में 15 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिसने बदले में CRB म्यूचुअल फंड्स में 17 करोड़ रुपये का निवेश किया। बाद में CRB कॉरपोरेशन के 24 लाख शेयर मिले, जिसने फिर से CRB कैपिटल मार्केट्स में 16 करोड़ रुपये का निवेश किया। यानी पूरी कंपनी ने CRB कैपिटल मार्केट्स में 16 करोड़ रुपये का निवेश किया।

India News US Presidential Debate: जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट शुरु, जानिए इससे जुड़ी 5 खास बातें-Indianews

Tags:

India newsIndia News Entertainmentindianewslatest india newsnews indiatoday india newsइंडिया न्यूज

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT