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India News (इंडिया न्यूज), Xiaomi: चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी Xiaomi को कथित पेटेंट उल्लंघन के कारण भारत और फ्रांस में कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्मार्टफोन निर्माता पर LTE-एडवांस्ड तकनीक को लेकर मुकदमा दायर किया गया है। जिसके बारे में सन पेटेंट ट्रस्ट का दावा है कि Xiaomi 2018 के आखिर से अपने 4G स्मार्टफोन में उचित लाइसेंस के बिना इसका इस्तेमाल कर रहा है। सन पेटेंट ट्रस्ट एक डेलावेयर-आधारित कंपनी है, जिसके पास 3,000 से ज़्यादा पुराने पैनासोनिक पेटेंट हैं। इस कंपनी का कहना है कि वह Xiaomi के साथ चार साल से ज़्यादा समय से लाइसेंस डील के लिए बातचीत कर रही है, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली है।
सन पेटेंट ट्रस्ट द्वारा दायर किए गए मुकदमों का कुल मूल्य $300 मिलियन (करीब 24,978 करोड़ रुपये) से ज़्यादा है। सन पेटेंट ट्रस्ट का दावा है कि Xiaomi 2018 के आखिर से अपने 4G डिवाइस में उचित लाइसेंस के बिना पेटेंट LTE-A तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। जो नियमित LTE की तुलना में तेज़ गति और बेहतर प्रदर्शन सक्षम बनाता है। 2019 से चल रही बातचीत के बावजूद, दोनों पक्ष किसी समझौते पर नहीं पहुँच पाए हैं, जिसके कारण मौजूदा कानूनी कार्रवाई की गई है।
वहीं भारत में दिल्ली उच्च न्यायालय यह तय करेगा कि क्या Xiaomi ने LTE-A पेटेंट का उल्लंघन किया है और क्या सन पेटेंट ट्रस्ट ने पेटेंट धारक के रूप में अपने दायित्वों को पूरा किया है। इस बीच फ्रांस का पेरिस न्यायिक न्यायालय LTE-A पेटेंट के लाइसेंस के लिए उचित रॉयल्टी भुगतान निर्धारित करेगा। फ्रांस को इसलिए चुना गया क्योंकि यह ETSI का घर है, जो एक प्रमुख दूरसंचार मानक निकाय है।
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सन पेटेंट ट्रस्ट के प्रबंध ट्रस्टी जोसेफ कैसीनो ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि Xiaomi जैसी प्रतिष्ठित कंपनी बातचीत की मेज पर सौहार्दपूर्ण शर्तों पर आने से इनकार कर रही है। पेटेंट कानून अनुसंधान एवं विकास में पर्याप्त निवेश की रक्षा और आगे बढ़ाने के लिए मौजूद है। फिर भी Xiaomi बातचीत के जरिए लाइसेंस पर शर्तों पर आने में विफल होकर इस लक्ष्य को विफल कर रहा है। यह खेदजनक है कि हमें Xiaomi को अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों का पालन करने के लिए मजबूर करने के लिए ऐसे उपायों का सहारा लेना पड़ रहा है। Xiaomi ने पेटेंट उल्लंघन के आरोपों पर अभी तक सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है।
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