होम / देश / 5 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर बचाई थी पूर्व प्रधानमंत्री की जान, हादसे की भयावहता देख दहल उठेगा कलेजा, आज भी ताजा है उस काली रात की यादें

5 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर बचाई थी पूर्व प्रधानमंत्री की जान, हादसे की भयावहता देख दहल उठेगा कलेजा, आज भी ताजा है उस काली रात की यादें

BY: Sohail Rahman • LAST UPDATED : January 13, 2025, 10:54 am IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

5 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर बचाई थी पूर्व प्रधानमंत्री की जान, हादसे की भयावहता देख दहल उठेगा कलेजा, आज भी ताजा है उस काली रात की यादें

Plane Crash News (मोरारजी देसाई का प्लेन क्रैश)

India News (इंडिया न्यूज), Plane Crash News: असम के जोरहाट जिले के टेकेलगांव गांव में 4 नवंबर 1977 की रात एक बड़ा विमान हादसा हुआ था, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई बाल-बाल बच गए थे। खुद घायल होने के बावजूद देसाई अधिकारियों से दूसरे घायलों को बचाने पर ध्यान देने को कह रहे थे। वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय एनवीआर स्वामी की नई किताब ‘द ओडिसी ऑफ एन इंडियन जर्नलिस्ट’ में इस हादसे के दौरान के भयावह मंजर का विस्तार से वर्णन किया गया है। पांच बहादुर क्रू मेंबर्स ने अपनी जान देकर भी प्रधानमंत्री को बचाया था। 

कैसे हुआ था ये हादसा?

बताया जा रहा है कि, इस विमान को नोज-डाइव करना पड़ा था। इस स्थिति में पीछे बैठे लोगों को तो बचाया जा सकता है। लेकिन कॉकपिट में बैठे लोगों का बचना मुश्किल होता है। ऐसी स्थिति में कॉकपिट में बैठे सभी पांच अधिकारी शहीद हो गए थे। स्वामी उस समय ‘पीटीआई’ के विशेष संवाददाता थे। वह उन पत्रकारों में शामिल थे जो देसाई के पूर्वोत्तर दौरे के दौरान उनके साथ थे। धान के खेत में ‘पुष्पक’ विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के रोंगटे खड़े कर देने वाले अनुभव का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री की आधिकारिक यात्रा को कवर करने का उनका उत्साह ज्यादा देर तक नहीं रहा।

जेल में बंद कैदियों की निकली लॉटरी, कैलिफोर्निया में आग को बुझाने के बदले मिलेगी मोटी रकम, सजा भी हो जाएगी कम

रूस निर्मित था विमान

हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, 4 नवंबर, 1977 की रात को रूस निर्मित टुपोलेव टीयू-124 विमान ‘पुष्पक’ ने दिल्ली के पालम से असम के जोरहाट के लिए उड़ान भरी थी।बताया जा रहा है कि,  ‘क्रैश लैंडिंग’ के दौरान विमान का ‘कॉकपिट’ उसके बाकी हिस्सों से अलग हो गया। इस दुर्घटना में विमान के दो पायलट और तीन चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई। ‘क्रैश लैंडिंग’ का मतलब होता है कि, किसी आपात स्थिति के कारण अचानक विमान का उतरना, जिससे कई बार विमान और उसमें सवार लोगों को गंभीर नुकसान हो सकता है। 

उस काली रात की यादों को ताजा करते हुए स्वामी ने लिखा, “हम ‘लैंडिंग’ का इंतजार कर रहे थे, तभी अचानक विमान फिर से ऊंचाई हासिल करने लगा और जमीन पर जल रही लाइटें धीरे-धीरे गायब हो गईं। अचानक एक जबरदस्त और हिलती हुई टक्कर महसूस हुई। विमान तेजी से डगमगाने लगा।”

फुला रहता है पेट? बनने लगी है गैस तो भुलकर भी न करें जान लेने वाली ये 4 गलतियां, सुधार लें ये गंदी आदत!

Tags:

Former PM of Indiamorarji desai

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT