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India News (इंडिया न्यूज),Uttar Pradesh:उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में भाजपा ने मंडल अध्यक्षों की सूची जारी कर दी है। इसमें 22 मंडल अध्यक्ष और 22 जिला प्रतिनिधियों के नाम शामिल हैं। इस सूची में एक ऐसे नेता का नाम भी शामिल है जो अब इस दुनिया में नहीं है। इनका नाम संजय मौर्य है, जिन्हें जिला प्रतिनिधि बनाया गया है। संजय मौर्य का 18 मई 2022 को निधन हो गया था। इस तरह से रायबरेली में भाजपा जिला अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों की संवेदनहीनता देखने को मिली है। संजय का नाम सूची में आने के बाद लोग कह रहे हैं कि बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमने वाले भाजपा जिला अध्यक्ष और उनके पदाधिकारी यह भी पता नहीं लगा पाए कि उनका एक नेता अब इस दुनिया में नहीं है और उसे जिला प्रतिनिधि बना दिया।
मंडल अध्यक्षों और जिला प्रतिनिधियों की घोषणा भाजपा प्रदेश कमेटी ने की है। इस सूची में संजय मौर्य को दी गई जिम्मेदारी चर्चा का विषय बनी हुई है। भाजपा नेताओं पर उठ रहे सवाल संजय का नाम सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय की संस्तुति पर यह सूची फाइनल की गई है। जिले में मंडल अध्यक्ष चुनाव की जिम्मेदारी राकेश मिश्रा के पास थी। पीयूष मिश्रा और पर्यवेक्षक के रूप में प्रदेश महासचिव संजय राय की देखरेख में मंडल अध्यक्ष का चुनाव हुआ है। मंडल अध्यक्ष पद के लिए जातिगत आधार पर समीकरण साधने की कोशिश की गई है।
इसमें पार्टी ने विधानसभावार जारी सूची में यादव समाज को दरकिनार कर दिया है। इसके अलावा अन्य ओबीसी जातियों को भी कम भागीदारी मिली है। मंडल अध्यक्ष के विभिन्न पदों को लेकर लोग काफी आपत्ति जता रहे हैं। मृतक संजय मौर्य को जिम्मेदारी देना काफी चर्चा का विषय बन गया है। संजय को भाजपा ने जातिगत वोट हासिल करने के लिए यह जिम्मेदारी दी है। लेकिन, सवाल भाजपा की पूरी व्यवस्था पर है। आखिर क्या उन्होंने सिर्फ नाम देखकर लोगों को महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी दे दी है।
राकेश गुप्ता भाजपा के मूल वोटरों में शामिल वैश्य समाज की भागीदारी न होने पर लोग नाराजगी जता रहे हैं। सोशल मीडिया पर वैश्य समाज के शीर्ष नेता अपनी आपत्ति जताते नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर भाजपा नेता राकेश गुप्ता ने लिखा कि मंडल अध्यक्ष पद पर वैश्य समाज का एक भी व्यक्ति नहीं मिला, शायद पार्टी को पता है कि जिले में बनिया उनके बंधुआ मजदूर हैं। व्यापारी नेता व भाजपा नेता अतुल गुप्ता ने लिखा कि वैश्य समाज की उपेक्षा हो रही है, पूरे जिले में एक भी मंडल अध्यक्ष नहीं है, जिले के सभी समर्थक नाराज हैं। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी लिखा कि कुछ लोग जिले में पार्टी को खत्म करने में लगे हैं। प्रदेश संगठन को ध्यान देना होगा, पुनर्विचार करना होगा। इसके अलावा अन्य लोगों ने भी नाराजगी जताई है।
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