Acharya Pramod Krishnam Meet Prime Minister Narendra Modi: भारतीय जनता पार्टी के नेता और कल्कि धाम पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार भी वजह कल्कि धाम ही है. ताजा मामले में संभल स्थित कल्कि धाम के सर्वेसर्वा आचार्य प्रमोद कृष्णम ने शुक्रवार (12 दिसंबर, 2025) को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करके श्री कल्कि धाम के निर्माण की प्रगति रिपोर्ट सौंपी. इसके साथ-साथ विश्व के प्रथम कल्कि कथा का प्रसाद और कल्कि धाम का अंग वस्त्रम भी भेंट किया. इसकी जानकारी खुद प्रमोद कृष्णम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दी है.
यहां पर बता दें कि 19 फरवरी, 2024 को कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के संभल में किया था. इस भव्य आयोजन के पीछे आचार्य प्रमोद कृष्णम का बड़ा योगदान रहा. बताया जाता है कि उन्होंने ही इस सपने को करीब 2 दशकों से संजोया, जो साकार हो रहा है. उन्होंने ही कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास करने के लिए पीएम मोदी को आमंत्रित किया. उनका कहना है कि यह मंदिर राष्ट्र निर्माण और सनातन धर्म की आस्था का एक बड़ा केंद्र बनेगा.
भारतीय “संसद”
के PM कक्ष में आज,
भारत के यशस्वी प्रधान मन्त्री आदरणीय @narendramodi जी को श्री कल्कि धाम के निर्माण की प्रगति रिपोर्ट और विश्व की प्रथम “कल्कि कथा” के प्रसाद एवं श्री कल्कि धाम का अंग-वस्त्रम भेंट करने का “सौभाग्य”
प्राप्त हुआ. @PMOIndia pic.twitter.com/tLOivXbtDH— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) December 12, 2025
कौन हैं कल्कि भगवान
भगवान विष्णु के 10 अवतार की मान्यता हिंदुओं में है. इसके अनुसार, विष्णु के 10वें और अंतिम अवतार भगवान कल्कि हैं. जिनका धरती पर आगमन होना है. कलियुग के अंत में भगवान कल्कि धरती पर आएंगे. कल्कि धाम मंदिर की बात करें तो आचार्य प्रमोद कृष्णम का सार्वजनिक जीवन पूरी तरह से कल्कि भगवान के आसपास ही घुमता है. वर्ष 1990 में उत्तर प्रदेश के संभल में उन्होंने कल्कि फाउंडेशन की स्थापना की. इसके बाद ही वर्ष 1996 में कल्कि धाम की स्थापना प्रमोद कृष्णम द्वारा की गई. गौरतलब है कि इसी धाम में पीएम मोदी ने 19 फरवरी, 2024 को कल्कि मंदिर की आधारशिला रखी है. इसके बाद से इसका निर्माण तेजी से जारी है.
क्यों छोड़ा था कांग्रेस का साथ?
लोकसभा चुनाव 2019 में प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस के टिकट पर लखनऊ से चुनाव लड़ा था. वह राजनाथ सिंह के खिलाफ मैदान में उतरे थे, जबकि इस चुनाव में SP की ओर से शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा मैदान में थीं. बावजूद इसके करीब 1.80 लाख वोट लाकर प्रमोद कृष्णम तीसरे स्थान पर रहे थे. वर्ष 2024 की शुरुआत में ही प्रमोद कृष्णम कांग्रेस से मोह भंग होना शुरू हो गया. बगावत के सुर तेज होने लगे तो उन्हें कांग्रेस पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया. प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस से निकाले जाने पर इसे मुक्ति बताया था.
कांग्रेस ने निकाला तो BJP में हुए शामिल
गौरतलब है कि आचार्य प्रमोद कृष्णम पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) में थे. इस दौरान वह टीवी न्यूज चैनलों में बतौर कांग्रेस प्रवक्ता भाग लेते थे और पार्टी का पक्ष जोरदार तरीके से रखते थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह वर्ष 1980 के दशक में राजीव गांधी से मिलने के बाद कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए. वह लगातार पार्टी में बने रहे. फरवरी 2024 में अनुशासनहीनता और पार्टी-विरोधी बयानों के कारण प्रमोद कृष्णम को निष्कासित किया गया, जिसके बाद वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए.