संबंधित खबरें
हिमंत सरकार ने की बड़ी कार्रवाई, असम में 24 घण्टें में 416 लोगों को किया गया गिरफ्तार, बाकी राज्यों के लिए बना रोल मॉडल
कांग्रेस के बुरे दिन बरकरार! हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद इस राज्य से आई बुरी खबर, सहयोगी ने ही दे दिया बड़ा घाव
विपक्ष के लगातार अमित शाह पर किए जा रहे हमलों का बीजेपी ने निकाला तोड़, पार्टी जल्द शुरू करेगी ये काम, कांग्रेस और सपा की उड़ने वाली है नींद
'वीटो लगाने की अनुमति नहीं देगा…' जाने बिना नाम लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किस देश की लगा दी क्लास?
जंगल में मिला 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपए, आखिर किसने छुपाई करोड़ों की संपत्ति, जब पुलिस को पता चला तो फटी रह गई आंखें
अपने पापों का प्रायश्चित करेंगे एकनाथ शिंदे? अचानक उठाया ऐसा कदम, महाराष्ट्र की राजनीति में आ गया भूचाल, भाजपाइयों के उड़ गए होश
India News (इंडिया न्यूज), Indian Rupee: किसी भी देश की करेंसी वहां की संस्कृति, इतिहास और गौरव का प्रतीक होती है। इस पर मौजूद तस्वीरों से किसी देश की खासियतों को सम्मान दिया जाता है। अगर हम भारत की बात करें तो यहां 10 रुपये से लेकर 500 रुपये तक के नोटों पर अलग-अलग प्रतीकों के चिन्ह देखने को मिलते हैं। इस करेंसी के जरिए दुनियाभर में देशों ने अपने संस्थापकों की तस्वीर लगाकर उनका आभार जताया है। भारत में हर नोट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, अमेरिका में जॉर्ज वाशिंगटन, पाकिस्तान में मोहम्मद अली जिन्ना और चीन में माओ जेदोंग की तस्वीर देखने को मिल जाएगी। मगर क्या आपको इस बात की जानकारी है कि, भारतीय नोटों पर पहले महात्मा गांधी की बजाय किसी और की तस्वीर लगाने का फैसला लिया गया था। लेकिन बाद में वह फैसला बदल दिया गया।
भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार भारत को 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिलने के बाद भारतीय रुपये के लिए प्रतीक चिन्हों पर चर्चा शुरू हुई थी। फिर इसके बाद भारत 26 जनवरी, 1950 को एक रिपब्लिक बन गया। इस दौरान भारतीय रिजर्व बैंक नोट जारी करता रहा। हम आपको बता दें कि भारत सरकार ने 1949 में 1 रुपये के नोट का नया डिजाइन निकाला था। इसमें स्वतंत्र भारत के लिए प्रतीकों का चयन करना था। शुरुआत में इस बात पर डिस्कशन हुआ कि महात्मा गांधी का चित्र लगाया जाए। इसके लिए कुछ डिजाइन भी तैयार हुए। फिर इसके बाद आम सहमति से सारनाथ के अशोक स्तंभ को नोटों पर जगह मिल गई।
भारत को आजादी मिलने के बाद कई सालों तक नोटों पर भारत की समृद्ध विरासत और प्रगति का जश्न मनाया जाता रहा। हम आपको बता दें कि, 1950 और 60 के दशक के नोटों में बाघ और हिरण जैसे जानवरों की तस्वीर लगाई गई। इसके अलावा हीराकुड बांध और आर्यभट्ट सैटलाइट को भी नोटों पर स्थान दिया गया। महात्मा गांधी की जन्म शताब्दी के अवसर पर साल 1969 में पहली बार उनके चित्र को भारतीय रुपये पर स्थान मिली। इन नोटों पर महात्मा गांधी जी को बैठे हुए दिखाया गया है और पीछे उनका सेवाग्राम आश्रम दिख रहा है।
तिरंगा हाथ में लेकर सिद्धारमैया के जूते उतारते दिखा कांग्रेस कार्यकर्ता, भाजपा ने लगाया ये आरोप
हम आपको बता दें कि राजीव गांधी की सरकार ने साल 1987 में 500 रुपये के नोट शुरू किए। पहली बार 500 रूपये के नोट पर महात्मा गांधी को जगह दी गई। इसके बाद 1996 में भारतीय रिजर्व बैंक ने महात्मा गांधी सीरीज शुरू की। इसके साथ ही हर नोट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर को स्थान दे दिया गया। इसके अलावा भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल के अलावा देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश को भी नोटों पर जगह देने की चर्चा उठ चुकी है।
‘किसान के बेटे को मनचाही…’, अजित पवार के समर्थक विधायक ने ये क्या बोला दिया जिससे मच गया बवाल?
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.