संबंधित खबरें
देश के मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन की हालत नाजुक, रिश्तेदार बोले- सलामती के लिए दुआ करें, मौत की खबर को बताया फर्जी
सरकार गठन और मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भी शिंदे-फडणवीस में दिखी दूरियां, मंच पर दोनों के बीच…, क्या महायुति में सब कुछ ठीक?
मुस्लिम बहुल इलाके में मिला 46 साल पुराना मंदिर, जब DM-SP ने खुलवाया ताला तो देखकर रह गए सन्न, लोगों के इस खुलासे से खौल उठेगा सनातनियों का खून
दलित दूल्हे को घोड़े से गिराया…फिर किया ये काम, मामला जान खौल जाएगा खून
महाराष्ट्र में किसका कटा पत्ता? कौन-कौन बना मंत्री, देखें पूरी लिस्ट
केजरीवाल ने हार के डर से इन 20 दिग्गज विधायकों का काटा टिकट, क्या ये नेता बदलेंगे पाला? मौके का फायदा उठाएंगे BJP-कांग्रेस
India News (इंडिया न्यूज), Shiv Sena UBT: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद अब उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली शिवसेना (यूबीटी) अपने मूल हिंदुत्व एजेंडे पर लौटती दिख रही है। चुनाव नतीजों के बाद कई ऐसे मौके आए हैं, जब उद्धव गुट ने इस बात के संकेत दिए हैं। दरअसल, हाल ही में शिवसेना उद्धव गुट ने अगस्त में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर केंद्र पर जोरदार हमला बोला है। शुक्रवार को वह मुंबई के दादर स्टेशन के बाहर स्थित ’80 साल पुराने’ हनुमान मंदिर की सुरक्षा के लिए आगे आए है, जिसे रेलवे ने गिराने का नोटिस दिया है।
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, शिवसेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे ने मंदिर में महाआरती की, जिससे हिंदुत्व के मुद्दे पर भाजपा को घेरने की उनकी मंशा का संकेत मिला। इससे पहले 6 दिसंबर को शिवसेना यूबीटी के एक नेता ने बाबरी विध्वंस को लेकर एक पोस्ट लिखा था। जिसके बाद महाराष्ट्र में सपा ने महा विकास अघाड़ी गठबंधन छोड़ने का एलान कर दिया था। इसके बाद इस पर आदित्य ठाकरे ने प्रतिक्रिया भी दी थी उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी और विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) मिलिंद नार्वेकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बाबरी मस्जिद विध्वंस की एक तस्वीर शेयर की थी और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे का यह आपत्तिजनक उद्धरण भी पोस्ट किया था।
आपको बता दें कि शुक्रवार को उद्धव ठाकरे ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला था और जानना चाहा था कि पड़ोसी देश में समुदाय की सुरक्षा के लिए भारत ने क्या कदम उठाए हैं। पर्यवेक्षकों का कहना है कि ये कदम शिवसेना (यूबीटी) की नीति में एक और बदलाव का संकेत देते हैं, जिसने 2019 में अपने लंबे समय के सहयोगी भाजपा से नाता तोड़ लिया और कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिला लिया, लेकिन ‘मराठी मानुष’ के अपने नारे पर अडिग रही।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.