संबंधित खबरें
जंगल में मिला 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपए, आखिर किसने छुपाई करोड़ों की संपत्ति, जब पुलिस को पता चला तो फटी रह गई आंखें
अपने पापों का प्रायश्चित करेंगे एकनाथ शिंदे? अचानक उठाया ऐसा कदम, महाराष्ट्र की राजनीति में आ गया भूचाल, भाजपाइयों के उड़ गए होश
मयूरभंज में पुलिस की बड़ी कार्रवाई, कोल्ड ड्रिंक की बोतलों में छुपाई 171 लीटर देसी शराब जब्त
महाराष्ट्र में हो गया विभागों का बंटवारा, फडणवीस ने रखा गृह विभाग तो अजित पवार को मिला वित्त, मुंह ताकते रह गए शिंदे!
4 लड़कों के साथ रहती थी 1 लड़की, दुनिया से छुपकर करती थी ये काम, पता चला तो फटी रह गईं पुलिस की आंखें
पंजाब के मोहाली में ढह गई 3 मंजिला इमारत, 4 लोगों के दबे होने की आशंका, राहत और बचाव कार्य जारी
India News (इंडिया न्यूज़), AIIMS Doctors, दिल्ली: बेंगलुरु से दिल्ली विस्तारा की उड़ान में बीच कुछ ऐसा हुआ की लोगों को उम्मीद नहीं बची थी की जान बच पाएगी लेकिन यह मुमकिन हुआ। विमान में एक दो वर्षीय बच्ची ने सांस लेना बंद कर दिया। घटना रविवार को विस्तार की उड़ना संख्या यूके-814 की है। यह विमान में आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पांच वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर इंडियन सोसाइटी फॉर वैस्कुलर एंड इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी (आईएसवीआईआर) से दिल्ली लौट रहे थे।
बच्ची को सांस लेने में दिक्कत हुई तो पांच डॉक्टरों की टीम द्वारा आपातकालीन चिकित्सा उपचार दिया गया, इसके बाद उसके हालात में चमत्कारिक सुधार हुआ। एम्स दिल्ली की तरफ से घटना की जानकारी दी गई। अस्पताल ने एक्स पर पोस्ट कर घटना का पूरा विवरण दिया।
https://twitter.com/aiims_newdelhi/status/1695872850911981988?s=20
एक 2 साल की सियानोटिक बच्ची थी, जिसका इंट्राकार्डियक रिपेयर के लिए बाहर ऑपरेशन किया गया था, वह बेहोश थी और सियानोसिस से पीड़ित थी। बच्चे की सांसें थमने के बाद फ्लाइट को नागपुर डायवर्ट करने से पहले डिस्ट्रेस कॉल की घोषणा की गई। फ्लाइट में डॉक्टरों ने तुरंत संकटपूर्ण कॉल का जवाब दिया और बच्चे की जांच की और पाया कि उसकी नाड़ी अनुपस्थित थी, हाथ-पैर ठंडे थे, और बच्चा सांस नहीं ले रहा था और उसके होंठ और उंगलियां पीले हो गए थे।
हवा में रहते हुए, टीम द्वारा कुशल कार्य और सक्रिय प्रबंधन का उपयोग करके सीमित संसाधनों के साथ बच्चे पर तत्काल सीपीआर शुरू किया गया। सफलतापूर्वक IV कैनुला लगाया गया, Oropharyngeal Airway डाला गया और विमान पर पूरी टीम द्वारा आपातकालीन प्रतिक्रिया शुरू की गई। बच्चे की सांस को वापस लाया गया। यह एक कार्डियक अरेस्ट से जटिल था जिसके लिए एईडी का इस्तेमाल किया गया था।
45 मिनट तक बच्ची की सांस को जाने नहीं दिया जबतक की उड़ान को नागपुर नहीं पहुंच गई। वहां उसे स्थिर हेमोडायनामिक स्थिति में बाल रोग विशेषज्ञ को सौंप दिया गया। बच्चे की जान बचाने वाले पांच डॉक्टरों में शामिल हैं- डॉ नवदीप कौर (एसआर एनेस्थीसिया), डॉ दमनदीप सिंह (एसआर कार्डियक रेडियोलॉजी), डॉ ऋषभ जैन (पूर्व एसआर एम्स रेडियोलॉजी), डॉ ओइशिका (एसआर ओबीजी) और डॉ अविचला टैक्सक ( एसआर कार्डिएक रेडियोलॉजी)।
यह भी पढ़े-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.