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Ayodhya Ram Mandir: रामलला प्राण प्रतिष्ठा पर आया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का बयान, पीएम मोदी पर लगाया बड़ा आरोप

Rajesh kumar • LAST UPDATED : January 14, 2024, 12:00 pm IST
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Ayodhya Ram Mandir: रामलला प्राण प्रतिष्ठा पर आया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का बयान, पीएम मोदी पर लगाया बड़ा आरोप

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी

India News, (इंडिया न्यूज),Ayodhya Ram Mandir: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने 22 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में राम मंदिर में रामलला की प्रतिष्ठा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि यह न्याय और धर्मनिरपेक्षता की हत्या है।

इसके अलावा उन्होंने यह भी दावा किया है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि रामचन्द्र जी का जन्म उस विशेष स्थान पर हुआ था। प्राण-प्रतिष्ठा के मौके पर दीये जलाने की अपील पर मौलाना ने अल्पसंख्यक समुदाय को खास सलाह भी दी है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उठे सवाल

शनिवार (13 जनवरी) को जारी बयान में मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी सवाल उठाए। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के लेटर हेड पर जारी अपने बयान में उन्होंने कहा है, ”अयोध्या में जो हो रहा है वह सरासर क्रूरता पर आधारित है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि इसके नीचे कोई मंदिर नहीं था, जिसे तोड़ा गया और एक मस्जिद बनाई गई।” और इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि श्री रामचन्द्रजी का जन्म उस स्थान विशेष पर हुआ था। कोर्ट ने यह फैसला बहुसंख्यक समुदाय के एक वर्ग की आस्था के आधार पर दिया है, जो कानून से अलग है, जिसका उल्लेख हिंदू भाईयों में किया गया है। यह पवित्र शास्त्रों में नहीं है। यह निश्चित रूप से देश के लोकतंत्र पर एक बड़ा हमला है। इस फैसले से मुसलमानों के दिल को ठेस पहुंची है।”

‘राजनीतिक उद्देश्य के लिए पीएम द्वारा उद्घाटन’

मौलाना रहमानी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर उस मस्जिद की जगह पर राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, जहां सैकड़ों वर्षों से नमाज अदा की जाती रही है। इसमें सरकार और मंत्रियों की विशेष रुचि और प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) द्वारा इसका उद्घाटन न्याय और धर्मनिरपेक्षता की हत्या है। राजनीतिक उद्देश्यों के लिए देश भर में इसका प्रचार अल्पसंख्यकों के घावों पर नमक छिड़कना है। इसलिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सरकार के इस गैर-धर्मनिरपेक्ष और अलोकतांत्रिक रवैये की कड़ी निंदा करता है।

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