India News (इंडिया न्यूज), Ajit Doval birthday: देश की सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने वाले और देश की सुरक्षा व्यवस्था पर अपनी पैनी नजर से दुश्मनों को धूल चटाने वाले, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल आज अपना जन्म दिन मना रहे हैं। देश की सुरक्षा पर बुरी नजर रखने वालों की मुहतोड़ जवाब देने में माहिर, बालाकोट एयर स्ट्राइक हो या सर्जिकल स्ट्राइक। देश की सुरक्षा से संबंधित हर मौके पर आगे रहता है। अजीत डोभाल एक बड़ा नाम है जिसने दुश्मनों को उसके घर में घुसकर जवाब दिया हो। देश की सुरक्षा से संबंधित हर फैसले में अजीत डोभाल का नाम सबसे आगे होता है। आइये उनके जन्मदिन के मौके पर जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें।

पाकिस्तान में भारत का एजेंट भी रह चुके डोभाल

अजीत डोभाल को भारत का जेम्स बॉन्ड भी कहा जाता है। साल 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी डोभाल बचपन से ही तेज-तर्रार और चंचलता से भरे थे। डोभाल पाकिस्तान में भारत का एजेंट भी रह चुके हैं। पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों के खिलाफ डोभाल हमेशा तिरछी नजर से देखता है, पाकिस्तान के सरजमीं पर रहकर उसी के दोहरी चाल को पकड़ने में डोभाल कामयाब हुए थे। पाकिस्तान को उसके ही घर में घुसकर उसे मात देकर लौटने वाले डोभाल की इन्हीं खूबियों ने उन्हें भारत का जेम्स बॉन्ड बनाया है। डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर 2014 से काबिज है।

अजीत डोभाल का जन्म

अजीत डोभाल का जन्म देवभूमि उत्तराखंड की बेहद खूबसूरत जगह पौड़ी गढ़वाल में 20 जनवरी 1945 को हुआ था। उनके पिता भी सेना में अधिकारी थे। 1968 केरल बैच के आईपीएस अधिकारी रहे डोभाल 1972 में इंटेलीजेंस ब्यूरो से जुड़ गए थे। पाकिस्तान के लाहौर में भारतीय दूतावास में उन्होंने छह साल काम किया । कहा जाता है कि इस दौरान डोभाल पाकिस्तान की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखता था, डोभाल लाहौर की गलियों में अपनी वेशभूषा बदल कर कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट को ढूढने में भी कामयाब हुए थे।

भारतीय सेना में कई तरह की भूमिका मे किया कार्य

पाकिस्तान में कई सालों तक एजेंट की भूमिका में तैनात रहे डोभाल। भारतीय सेना में कई तरह की भूमिका में काम कर चुके हैं। पाकिस्तान में डोभाल एक बार पकड़े जाने से बाल- बाल बचे थे। डोभाल भारतीय सेना में कई तरह की भूमिका को निभा चुके हैं। डोभाल इंटेलीजेंस से सेवानिवृत्त होने के बाद एक कार्यक्रम में उन्होंने बताया था कि एक बार जासूसी के दौरान उन्हें लगभग पहचान लिया गया था कि वह एक गैर मुस्लिम है। डोभाल के कान छिदे होने के कारण पकड़े जाने की आशंका थी। हालांकि एक व्यक्ति जान गया था कि वह हिंदू हैं। वह व्यक्ति उनसे सवाल करने के लिए बगल की कमरे में ले गया और बाद में उसने बताया कि वह भी एक हिंदू ही है।

डोभाल  को कई पदों से  किया गया सम्मानित

अजीत डोभाल को कई तरह के राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा जा चुका है। अजीत डोभाल देश के एकमात्र ऐसे पुलिस अधिकारी हैं जिन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है। आमतौर पर यह सम्मान सेना के अधिकारियों को ही दिया जाता है। कश्मीर से स्वर्ण मंदिर तक हर मिशन के गेम चेंजर रहे डोभाल। माना जाता है कि सर्जिकल स्ट्राइक के पीछे भी डोभाल का ही दिमाग था और उन्हीं की इशारे पर जवाबी कार्रवाई की गई थी। वहीं, 1989 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में चरमपंथियों के खिलाफ ऑपरेशन ब्लैक थंडर का नेतृत्व भी डोभाल ने ही किया था।

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