संबंधित खबरें
अमित शाह के बयान के बाद पूरे विपक्ष को लगी मिर्ची, ममता की पार्टी ने गृह मंत्री के खिलाफ उठाया ये कदम, पूरा मामला जान तिलमिला उठेंगे भाजपाई
गेटवे ऑफ इंडिया के पास बड़ा हादसा, नेवी की स्पीड बोट से टकराई नाव, बचाव अभियान जारी…अब तक 13 की मौत
वैष्णो देवी जाने वाले भक्तों को लगा बड़ा झटका! अब नहीं कर सकेंगे ये काम
सदन में उनका रौद्र रूप में आए सतीश महाना, मार्शल से कहा-अतुल प्रधान को उठाकर बाहर फेंक…
Exclusive Interview: PM Modi के 10 सालों में कितना बदल गया भारत? MP Kartikeya Sharma ने बताया विदेशों में कैसे बढ़ी इंडिया की शान
80 लोगों को ले जा रही नाव हुई तबाह,पानी के अंदर अपनी सांसें गिनते रहे लोग, फिर…
Giani Harpreet Singh On Amritpal Singh Surrender: अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह पंजाब के बठिंडा में भारी सुरक्षा बंदोबस्त से चिंतित हैं। राज्य सरकार से उन्होंने आज शुक्रवार, 7 अप्रैल को कहा कि बैसाखी से पहले वह दहशत फैलाने की कोशिश नहीं करें। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि “बहुत सारे प्राइवेट मीडिया चैनल ने अकाल तख्त के बारे में कहा कि अमृतपाल सिंह यहां छुपा हुआ है, ऐसा नहीं है। हमारे ख्याल से अमृतपाल को सरेंडर कर देना चाहिए। सरकार को पता चले कि हम डरकर घर बैठने वाले नहीं हैं। किसी को डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। पंजाब के लोग बहादुर हैं। सरकार हमारे साथ संवाद करे, हम संवाद करने के लिए तैयार हैं।”
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने तख्त दमदमा साहिब में आज शुक्रवार को सिख और पंजाबी पत्रकारिता की भूमिका और सिख मीडिया के योगदान के अलावा राज्य के सामने वर्तमान में आने वाली चुनौतियों को लेकर चर्चा करने के लिए एक विशेष सभा बुलाई थी। जत्थेदार ने यह सभा ऐसे समय में बुलाई, जब अलगाववादी ताकतों के उदय के बारे में राज्य में चिंता व्यक्त की जा रही है। खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में पंजाब के अजनाला थाने पर हमले की वजह से कानून-व्यवस्था के उल्लंघन को लेकर विशेष रूप से चिंता सामने आई है।
वहीं अमृतपाल सिंह अभी भी पंजाब पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। पुलिस ने अमृतपाल को भगोड़ा घोषित कर दिया है। अकाल तख्त के जत्थेदार ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “कड़ी सुरक्षा की वजह से इस बार बैसाखी से पहले सामान्य से काफी कम संख्या में श्रद्धालु यहां आए हैं। हर साल, हम भारी भीड़ देखते हैं, जो (बैसाखी के लिए) पांच अप्रैल से शुरू होती है, लेकिन संगत की संख्या महज 10 फीसदी है। इसका कारण सरकार की ओर से फैलाई गई दहशत है।” उन्होंने कहा, “मैं इस मंच के माध्यम से पंजाब सरकार को कहना चाहता हूं कि इस सख्ती से दहशत पैदा हुई है। इसे खत्म किया जाना चाहिए।”
Also Read: शरद पवार ने अडानी मामले में नहीं किया JPC की मांग का समर्थन, सामने आया कांग्रेस का रिएक्शन
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.