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इंडिया न्यूज, श्रीनगर:
पवित्र अमरनाथ गुफा के पास कल शाम को हुई बादल फटने की घटना के बाद अब भी 40 से ज्यादा श्रद्धालु लापता हैं। अब तक 15 शव बरामद किए जा चुके हैं। सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस सहित अन्य बलों के जवान बचान अभियान में जुटे हुए हैं। बचाव के लिए सेना व वायु सेना के हेलीकाप्टरों की भी मदद ली जा रही है। जवान सबसे पहले भवन पर फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालने में जुटे हुए हैं। पवित्र अमरनाथ गुफा के पास अब भी 10 से 15 हजार के करीब श्रद्धालु फंसे हुए हैं। आज सुबह हेलीकॉप्टर से छह श्रद्धालुओं को बचाया गया।
कल शाम करीब 5.30 बजे भारी बारिश के बीच हुई बादल फटने की घटना के बाद गाद की मोटी परत पहाड़ी ढलानों से निचली तरफ आ गई जहां टेंटों में श्री अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालु रुके थे। करीब 25 टेंट गाद व पानी के तेज बहाव की चपेट में आ गए जिसके बाद देर रात तक 13 शव बरामद किए गए थे और 40 से ज्यादा लोग लापता बताए गए थे।
श्री अमरनाथ गुफा के बाहर बेस कैंप में भी बड़ी मात्रा में पानी घुस गया है। पवित्र अमरनाथ गुफा सहित यात्रा मार्ग पर अब भी भारी बारिश हो रही है। इससे बचाव के काम में परेशानियां आ रही हैं, लेकिन आईटीबीपी, पर्वतीय बचाव दल, एनडीआरएफ, सेना व वायुसेना के जवान लगातार हर परिस्थिति में बचाव में जुटे हुए हैं।
पहलगाम-बालटाल से अगले आदेश तक यात्रा रोक दी गई है। भारी बारिश के कारण कैंप प्रबंधन ने श्रद्धालुओं को वहीं रुकने की सलाह दी है। उधर जम्मू से श्रद्धालुओं का जत्था घाटी के लिए रवाना किया गया है। मारे गए श्रद्धालुओं की आत्मा की शांति के लिए बाबा बफार्नी से लोगों ने प्रार्थना की है। हेलीकाप्टरों से घायलों को श्रीनगर लाया जा रहा है। वायु सेना के एक अधिकारी के अनुसार एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को बचाव अभियान में लगाया गया है। खराब मौसम की वजह से बचाव के काम में परेशानी आ रही है। हेलीकाप्टर को सुबह से ही स्टैंड-बाय पर रखा गया है। मौसम साफ होने पर तुरंत बचाव में जुट जाएंगे।
हैदराबाद के युवक यशस यादव ने बताया कि उन्होंने अपनी से आंखों से बादल फटने की घटना देखी है। अपने नाना-नानी के साथ के साथ इस युवक का कहना है कि जब उस मंजर की तरफ ध्यान जाता है तो हम सहम उठते हैं। यशस यादव ने बताया कि बारिश के पानी की गति इतनी तेज थी कि उनके सामने दर्जनों टेंट पत्तों की तरह बहते चले गए और कई लोग मलबे में दब गए। युवक ने बताया कि एक महिला हमारे लिए जीवनदायिनी बनकर आई। वह नहीं पकड़ती तो हम भी बह जाते।
पवित्र अमरनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे श्रद्धालु घटना से बहुत सहमे हुए हैं। अपनों से बिछुड़ कई उनका पता लगाने के लिए राहत केंद्रों पर डेरा डाले हुए हैं। हैदराबाद के युवक यशस यादव के के नाना-नानी
भी अभी भवन में फंसे हुए हैं। यशस यादव व उसके कुछ साथी संगम टाप पहुंच गए हैं। भवन में मौजूद हरेक श्रद्धालु व गुजरात बाबा काली दास, जगजीत, दिल्ली के विजय अग्रवाल ने भी घटना को देखा है और उन्होंने भगवान शिव से दोबारा ऐसी त्रासदी न दिखाने की प्रार्थना की है। भोले-बाबा से उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को सकुशल उनके घर तक पहुंचाने की प्रार्थना भी की है।
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