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India News (इंडिया न्यूज़), Ambedkar Jayanti 2024: डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार के रूप में जाना जाता है। जो कि वह स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री भी थे। हर साल 14 अप्रैल को देशभर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जाती है। इस साल पूरा देश उनकी 134वीं जयंती मनाने जा रहा है। भीमराव अम्बेडकर जिन्हें बाबा साहब के नाम से भी जाना जाता है। वह एक प्रख्यात विद्वान, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने अपना जीवन सामाजिक न्याय और समानता के लिए समर्पित कर दिया। उनकी जयंती को सामाजिक सद्भाव और एकजुटता के लिए एक साथ आने के दिन के रूप में मनाया जाता है।
बता दें कि, डॉ. अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के एक महार परिवार में हुआ था। उस समय भारत में जाति व्यवस्था बहुत कठोर थी और उन्हें बचपन से ही भेदभाव का सामना करना पड़ा। हालाँकि, उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत मेहनत की और विदेश में भी पढ़ाई की। उन्होंने शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और कोलंबिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। इसके अलावा लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से कानून की पढ़ाई करने के बाद वह भारत लौट आए और वकालत करने लगे। उन्होंने दलित समुदाय के उत्थान के लिए अथक प्रयास किये। उन्होंने जाति व्यवस्था के खिलाफ भी आवाज उठाई और अपना पूरा जीवन शिक्षा और रोजगार के अवसरों में समानता के लिए समर्पित कर दिया। डॉ. अम्बेडकर ने अछूतों के उत्थान के लिए कई आंदोलनों का नेतृत्व किया। उन्होंने आरक्षण व्यवस्था को भारतीय संविधान में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह संविधान में मौलिक अधिकारों और संघीय ढांचे के प्रबल समर्थक थे।
अम्बेडकर ने संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो सभी नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता, न्याय और समान अवसर प्रदान करता है। वर्ष 1946 में संविधान सभा के लिए चुने गए। उन्होंने मौलिक अधिकारों, संघीय ढांचे और अल्पसंख्यकों और वंचितों के लिए सुरक्षा उपायों जैसे महत्वपूर्ण प्रावधानों को शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने विशेष रूप से धार्मिक स्वतंत्रता, अस्पृश्यता का उन्मूलन और शोषण के खिलाफ सुरक्षा जैसे अधिकारों पर जोर दिया। बाबासाहेब ने एक मजबूत केंद्र सरकार और राज्यों के बीच शक्तियों के विभाजन को सुनिश्चित करने के लिए एक संघीय प्रणाली का समर्थन किया। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि राज्यों को अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए मजबूर किया जाए। भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति, अम्बेडकर एक न्यायविद्, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक भी थे जिन्होंने अछूतों (दलितों) के खिलाफ सामाजिक भेदभाव को खत्म करने और महिलाओं और श्रमिकों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
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