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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
America and Russia important for India : रूस व यूक्रेन के युद्ध के हालात को देखते हुए अमेरिका मध्यस्था में जुटा है। युद्ध व शांति वार्ता की चल रही कोशिशें के बीच देश भी असमंजस की स्थिति में है। वर्तमान समय में देश के लिए अमेरिका व रूस दोनों अहम है। देश भविष्य को देखते हुए किसी भी देश पर दांव लगाने से बच रहा है। भारत अमेरिका व रूस के साथ लगातार संपर्क में है और दोनो देशों को अपनी स्थिति साफ तौर पर बता रहा है।
भारत यूक्रेन प्रकरण में यूरोपीय देशों की अहमियत को देखते हुए उनके साथ भी लगातार संपर्क बना कर रखे हुए है। विदेश मंत्री एस जयशंकर आज देर रात पांच दिनों की यात्रा पर जर्मनी व फ्रांस के लिए रवाना हो रहे हैं जहां उनकी दूसरे यूरोपीय देशं के विदेश मंत्रियों के साथ वार्ता होगी।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत ने पिछले कुछ घंटों के भीतर परिचर्चा में हिस्सा लेते हुए दो बार अपने पक्ष सामने रखे। भारत ने सभी पक्षों से आग्रह किया है कि यूक्रेन संकट का समाधान समझौते की भावना के मुताबिक होनी चाहिए।
इसके लिए कूटनीतिक पहल पर जोर देते हुए भारत ने सभी पक्षों से संयम बरतने को कहा है और यह भी कहा कि सभी पक्षों को तनाव बढ़ाने के कदम से दूर रहना चाहिए। ऐसा नहीं करने से वैश्विक अमन व शांति को खतरा हो सकता है। भारत के इस बयान का रूस ने स्वागत किया है।
नई दिल्ली स्थित रूस के दूतावास की तरफ से कहा गया है कि भारत का यह रूख संतुलित, सैद्धांतिक व स्वतंत्र है। भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी लगातार अमेरिका के भी संपर्क में है। पहले विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला और अमेरिका के उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमैन और उसके बाद विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन और विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच आस्ट्रेलिया में पिछले हफ्ते हुई बातचीत में यूक्रेन को लेकर रूस का व्यवहार काफी प्रमुखता से उठा था।
चार-पांच दिनों के दौरान जर्मनी व फ्रांस के विदेश मंत्रियों के अलावा कुछ दूसरे यूरोपीय देशों के विदेश मंत्री के साथ भी जयशंकर की यूक्रेन संकट पर विमर्श होने जा रहा है। जर्मनी के म्यूनिख सिक्यूरिटी कांफ्रेंस का आयोजन हो रहा है जहां जयशंकर की जापान, आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक होने जा रही है। इन सभी चचार्ओं मे यूक्रेन संकट अहम रहेगा।
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