India News (इंडिया न्यूज़), US Hypersonic Missiles: अमेरिका ने चीन, रूस और उत्तर कोरिया के साथ हथियारों की होड़ के बीच अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण के साथ अपनी हथियार प्रौद्योगिकी को उन्नत किया है। अमेरिकी वायु सेना के मुताबिक हम विशिष्ट परीक्षण उद्देश्यों पर चर्चा नहीं करेंगे। परंतु इस परीक्षण ने मूल्यवान, अद्वितीय डेटा प्राप्त किया और इसका उद्देश्य हाइपरसोनिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला को आगे बढ़ाना था। दरअसल, लॉकहीड मार्टिन की AGM-183A एयर-लॉन्च रैपिड रिस्पांस वेपन, जो कि मैक 5 से अधिक गति में सक्षम है। साथ ही हाइपरसोनिक अटैक क्रूज़ मिसाइल अमेरिकी हाइपरसोनिक क्षमताओं में सबसे आगे का प्रतिनिधित्व करती है।
बता दें कि, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार लॉकहीड मार्टिन ने पूर्ण विश्वास और वायु सेना को तेजी से वितरण के लिए तत्परता के साथ परीक्षण पूरा होने की घोषणा की। साथ ही विशेषज्ञ हाइपरसोनिक हथियारों के रणनीतिक महत्व पर प्रकाश डालते हैं, क्योंकि उनका पता लगाना और रोकना मुश्किल होता है। जो इस आधुनिक युग के युद्ध में महत्वपूर्ण क्षमता लाभ का वादा करते हैं। अमेरिका और चीन दोनों ही ऐसे तेज़ गति वाले हथियारों के ख़िलाफ़ विकास और रक्षा में भारी निवेश कर रहे हैं। दरअसल, डीएफ-17 हाइपरसोनिक मिसाइल प्रणाली की तैनाती सहित चीन की प्रगति ने महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया। साथ ही रूस ने भी अपनी हाइपरसोनिक क्षमताओं का प्रदर्शन किया है, विशेष रूप से यूक्रेन में किन्झाल मिसाइल को तैनात करके।
बता दें कि, हाइपरसोनिक मिसाइलें हथियारों का एक वर्ग है जो मैक 5 या इससे तेज गति से यात्रा करने में सक्षम है। जो कि ध्वनि की गति से पांच गुना या लगभग 3,836 मील प्रति घंटा और उससे अधिक है। हाइपरसोनिक मिसाइलें की उच्च गति, पारंपरिक बैलिस्टिक मिसाइलों की तुलना में पैंतरेबाज़ी करने और कम ऊंचाई पर उड़ने की उनकी क्षमता के साथ मिलकर, उन्हें मौजूदा मिसाइल रक्षा प्रणालियों के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण बना देती है। दरअसल हाइपरसोनिक मिसाइलों की परिभाषित विशेषता उनकी असाधारण गति है, जो हाइपरसोनिक वेग तक पहुंचती है।
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